गरीबी और बेबसी ऐसी भी: मकान हुआ जर्जर, चीचा की ये मजबूर महिला ली शौचालय में शरण, रात यहीं गुजारती है, पढ़िए ये मार्मिक कहानी,,,,,

संजय कुमार साहू, बालोद/ अंडा। आज हर आदमी की प्रमुख आवश्यकता की चीजों में रोटी, कपड़ा और मकान है। अगर तीनों बिंदुओं में से किसी के पास कोई एक बिंदु कम हो जाए तो उनका जीवन चल पाना बहुत ही मुश्किल है और ऐसी ही एक बेबसी का मामला सामने आया है। जिसमें एक अकेली बेबस महिला के पास रहने के लिए घर नहीं है। मामला गुण्डरदेही ब्लॉक अर्जुंदा तहसील के अंतर्गत आने वाला ग्राम चीचा (अर्जुन्दा) का है। जहां की निवासी रामोतीन बाई सिन्हा उम्र 45 वर्ष जो अकेली अपने पुराने घर में निवास करती थी। किंतु वह मकान धीरे-धीरे जर्जर होने लगा । और गरीबी के कारण यह महिला उनका सुधार नहीं करा पाई और अब वह पूरी तरह से जर्जर हो गया है। वह रहने योग्य ही नहीं है। अब वह बेचारी करें तो क्या करें। वह इतनी मजबूर है कि स्वच्छ भारत के अंतर्गत निर्माण शौचालय में रात्रि को सोने के लिए मजबूर हो गई है। क्योंकि उनके पास रात्रि में सोने के लिए कोई छत या छप्पर की व्यवस्था नहीं है। आखिर यह महिला करें तो क्या करें। क्योंकि इनके पास तो इतने पैसे नहीं हैं कि जर्जर मकान को सुधार करा सके या नया मकान बना सकें। इसलिए यह महिला शौचालय में उपयोग आने वाले इस छोटी सी ठिकाने में रहने के लिए मजबूर है। इस संबंध में ग्रामीणों से जानकारी लेने पर पता चला कि इनके पास स्वयं का भूमि है और उन पर कच्चा मकान बना हुआ था और वह वहां निवास करती थी। किंतु गरीबी के कारण वह उस मकान को सुधार नहीं करा पाई और धीरे-धीरे मकान टूटते गया और आज उसकी हालत बत से बदतर है। आज महिला शौचालय में रात्रि गुजारने के लिए मजबूर है। और इनके ऊपर शासन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जा रहा है। क्षेत्र के जनपद सदस्य अनिल सोनी को इस मामले पर बात करने पर उन्होंने बताया कि जब मुझे रामोतीन बाई सिन्हा के बारे में पता चला तब मैं तत्काल ग्राम चीचा जो मेरे जनपद क्षेत्र में आता है और वहां का मैैं जनपद पंचायत सदस्य हूं किंतु वहां जानेेे के बात जब मैं उस महिला की दशा देखा तो मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और मेरे आंखों से आंसू बहने लगे। तब मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कोसते हुए कहा कि आज हर आदमी को रोटी कपड़ा और मकान यही चाहिए और जिसके पास इन तीनों बिंदुओं में से एक भी कम है वह आदमी इस संसार में अधूरा है और आपके शासनकाल में इस बेचारी महिला का यह दशा है कि इसको शौचालय के लिए उपयोग में लाने वाले जगह पर सोना पड़ रहा है।

मामले को विधायक और कलेक्टर ने लिया गंभीरता से, पीएम आवास की दिलवाई स्वीकृति

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक और संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने तत्काल कलेक्टर कुलदीप शर्मा से बात की और उन्हें शासन की योजना का लाभ दिलाने कहा। महिला की मूल समस्या मकान की थी। जिसके चलते प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति दी गई। जल्द ही उनका आवास बन जाएगा। महिला को आवास बनाने के ₹120000 मिलेंगे। उनके स्वीकृति वरीयता क्रम में की गई है। उन्हें पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि 1 सप्ताह के भीतर मकान निर्माण शुरू कर दे। आवास निर्माण की पहली किस्त ₹25000 उनके बैंक खाते में डाली जा रही है। देखिए आदेश

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