November 22, 2024

अब विद्यार्थी चाहे स्कूल में हो , घर या खेल के मैदान में सीखने का क्रम निरंतर जारी रहेगा नवा जतन से

नवा जतन उपचारात्मक शिक्षण के राज्य स्रोत समूह में बालोद से रघुनंदन गंगबोईर शामिल

बालोद:-नवा जतन सेतू पाठ्यक्रम से अगला भाग है जो कोरोना काल के विपरीत परिस्थिति में विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में हुए नुकसान एवं अंतराल को पूरा करने के लिए बनाई गई एक कार्यक्रम है। 2 से 4 दिसंबर तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय उपचारात्मक शिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई थी। जिसमें बालोद जिला से शासकीय हाई स्कूल जमरूवा के व्याख्याता रघुनंदन गंगबोईर राज्य श्रोत समूह प्रशिक्षण में अन्य शिक्षकों के साथ शामिल हुए। श्री गंगबोईर ने इस नवा जतन कार्यक्रम के संबंध में बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद छत्तीसगढ़ रायपुर के विषय विशेषज्ञों द्वारा से 2 पाठ्यक्रम को आधार बनाकर कुछ ऐसी सुझावात्मक गतिविधियां तैयार की गई है।
एससीईआरटी रायपुर छत्तीसगढ़ में राज्य श्रोत व्यक्तियों के इस तीन दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञों द्वारा सेतु पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार गतिविधियों का विषय वार प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें उन्होंने विभिन्न लर्निंग आउटकम के आधार पर सत्र के प्रथम दिन स्रोत शिक्षक सुशील राठौर के द्वारा शिक्षा पोर्टल का महत्व बताते हुए बताया गया कि हम इसका उपयोग करके राज्य के एक-एक विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर की जानकारी का मानिटरिंग कर सकते हैं। इसी सत्र में विषय गणित के स्रोत शिक्षक पीआर साहू के द्वारा गणित के रोचक जानकारी देकर बताया कि आसपास के परिवेश के माध्यम से बच्चों को किस प्रकार से गणिती गतिविधियों में संलग्न किया जा सकता है। अलग-अलग गतिविधियों को कक्षा के किस कक्षा में किस तरह से कराया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यशाला के दूसरे दिन में भी यही क्रम चला और दूसरे दिन के द्वितीय सत्र के बाद से उन प्रमुख बिंदुओं को बताया गया। जिसमें नवा जतन में उल्लेखित किया गया है जिनका उपयोग करके बच्चे को तेज गति से सिखाया जा सकता है। उन बिंदुओं को यदि शिक्षक कक्षा में अपने बच्चों के साथ क्रियान्वित करें तो निश्चित ही बच्चे तेज गति से अपने शैक्षिक स्तर से ऊपर आ पाएंगे इस पर विस्तृत चर्चा हुई।
ऊर्जा संरक्षण जल संरक्षण पर भी राज्य के स्रोत रीता मंडल के द्वारा जानकारी दिया गया। अन्य स्रोत व्यक्तियों के साथ चर्चा हुए उन्हें इन मुद्दों पर संवेदनशील बनाया गया इस प्रशिक्षण के बाद राज्य श्रोत व्यक्ति अपने जिलों में जाकर शैक्षिक संकुल समन्वयक को इस पूरी प्रक्रिया से अवगत कराएंगे और संकुल शैक्षिक समन्वयक आने वाले समय में अपने शिक्षकों को उपचारात्मक शिक्षण के इस नवीन प्रक्रिया से सुनील मिश्रा के द्वारा उपचारात्मक शिक्षा हेतु 6 बिंदु सुझाए गए हैं। जिसमें सबसे पहले विद्यार्थी के स्तर की पहचान आकलन के माध्यम से करना और आकलन की पहचान होते ही उसके उपचार हेतु प्रयास करना उपचार के लिए सीखने के जितने भी स्रोत हैं, उन सभी स्रोतों में उनके इष्ट मित्रों परिवार के परिवारिक माहौल का उपयोग करते हुए सीखने के प्रतिफल को गति प्रदान करना है।तथा जिस सूचना प्रौद्योगिकी के मुख्य साधन मोबाइल को कोरोनावायरस से पूर्व कक्षा से दूर रखा जाता था। उसे कोरोणा काल आते ही इसका ऐसा एंट्री हुआ कि शिक्षण की सारी व्यवस्था इसी की जिम्मेदारी बन गई ऐसे सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल उपचारात्मक शिक्षण हेतु व्हाट्सएप एवं यूट्यूब में दिए गए सीखने के सामग्री का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना बताया गया।प्रशिक्षण के तृतीय दिवस में भी उपचारात्मक शिक्षण के विभिन्न बिंदुओं के ऊपर स्रोत शिक्षक सुनील मिश्रा के द्वारा उपचारात्मक जानकारी दी गई तथा कहा गया कि बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करने के लिए उनके व्यक्तिगत माहौल में ही सीखने के सकारात्मक पहलुओं की ओर ध्यान देना चाहिए।सीखने के स्रोत के संबंध में मिश्र ने बताया कि बच्चे सीखने के लिए जो स्रोत है उसमें प्रमुख रूप से स्वयं की गलतियों से बच्चियों का सीखना पुस्तकों से सीखना साथियों से सीखना माता-पिता से सीखना भाई बहन से सीखना मोबाइल से सीखना और अंतिम में सीखने का अंतिम क्रम शिक्षक के द्वारा सीखना इन बिंदुओं के तहत जानकारी दी।
इसी कार्यक्रम में उपचारात्मक शिक्षण के लिए बनाई गई इस नवा जतन के संदर्शिका का विमोचन छत्तीसगढ़ राज्य शासन के शिक्षा मंत्री शिक्षा सचिव एवं संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग राज्य शासन के द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण के अंत में राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद रायपुर के संचालक राजेश सिंह राणा के द्वारा सभी राज्य स्रोत समूह के सदस्यों के साथ प्रशिक्षण के संबंध में समीक्षा करते हुए सुझाव आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम का संचालन राज्य साक्षरता मिशन के संचालक प्रशांत पांडे ने किया।

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