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आठ वर्ष के बन्धन समाप्त करने के लिए लम्बा संघर्ष किया नवीन शिक्षाकर्मी संघ ने,,, एक नवम्बर से शिक्षकर्मी बनेंगे शासकीय कर्मचारी- रूपेन्द्र सिन्हा

बालोद । छत्तीसगढ़ नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेन्द्र सिन्हा ने बयान जारी कर कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने एक नवम्बर से शिक्षक पँचायत से शिक्षक एलबी संवर्ग बनने वाले समस्त साथियो का शिक्षा विभाग में स्वागत करते हुए पँचायत कर्मचारी से शासकीय कर्मचारी बनने पर बधाई दिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेन्द्र सिन्हा ने आगे कहा कि 2012-13 में पूर्व शासन द्वारा आठ वर्ष के बन्धन के साथ पँचायत शिक्षकों को शिक्षकों के समतुल्य वेतनमान देने का निर्णय लिया। उस समय प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मी संगठन खामोश रहे। कुछ संगठन तो पूर्व मुख्यमंत्री का जगह-जगह फूल-मालाओं व लड्डू से तौलकर आभार प्रदर्शन कर रहे थे, तब प्रदेश के एकमात्र शिक्षाकर्मी संघ नवीन शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ पंजीयन क्रमांक 3435 ने आठ वर्ष के बन्धन का खुलकर विरोध किया और 2013 से प्रत्येक मंच से नवीन शिक्षाकर्मी संघ द्वारा आठ वर्ष के बन्धन समाप्ति करने के लिए आंदोलन व ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत के नेतृत्व में तत्कालीन सत्ता पक्ष, विपक्ष व शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण करने का लगातार प्रयास जारी करते रहे। आठ वर्ष के बन्धन समाप्ति के लिए नवीन शिक्षाकर्मी संघ के आंदोलन, ज्ञापन व मांग पूर्ण नही होने पर कई लोगों ने नवीन शिक्षाकर्मी संघ का उपहास भी उड़ाया। लगातार सोशल मीडिया में ताने भी देते रहे। लेकिन लोगों द्वारा दिये गए ताने व उड़ाया गया उपहास से बेफिक्र नवीन शिक्षाकर्मी संघ ने लगातार अपना संघर्ष जारी रखा। 2014 से 2016 तक प्रत्येक 5 सितम्बर को प्रधानमंत्री व मानव संसाधन मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर पूरे देश से शिक्षाकर्मी, नियोजित शिक्षक, शिक्षामित्र, विद्या मितान जैसे अनुबंध के आधार पर शिक्षक प्रथा को समाप्त कर नियमित शिक्षक बनाने की मांग को लगातार भारत सरकार के समक्ष भी रखा गया। उसी तरह 5 सितम्बर 2017 को नवीन शिक्षाकर्मी संघ ने आठ वर्ष के बन्धन समाप्ति कर समस्त शिक्षक पँचायत संवर्ग की संविलयन की मांग को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान में धारा-144 लागू होने के बाद भी नवीन शिक्षाकर्मी संघ के सदस्यों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। उस धरना प्रदर्शन में उमा जाटव, बलविंदर कौर, नंदिनी देशमुख सहित रूपेंद्र सिन्हा के नेतृत्व में बालोद जिले से लगभग एक दर्जन महिला शिक्षक पँचायत संवर्ग की जोरदार उपस्थिति दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान में रही। दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान से प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने नेतृत्व में नवीन शिक्षाकर्मी संघ ने संविलियन क्रांति का आगाज किया, जो 2018 में नवीन शिक्षाकर्मी संघ, प्रदेश शिक्षक संघ,संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ सहित अन्य दो संघो के साथ मिलकर हुए महा आंदोलन के बाद प्रदेश के पूर्व सरकार ने पुनः आठ वर्ष के बन्धन के साथ शिक्षा विभाग में संविलियन का निर्णय लिया और सरकार के पुनः आधे-अधूरे संविलियन के निर्णय के तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत व चन्द्रदेव राय (वर्तमान बिलाईगढ़ विधायक) ने बयान जारी कर आठ वर्ष के बन्धन का विरोध करते हुए उसी दिन सम्पूर्ण संविलियन की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया गया। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री के गृह जिला राजनांदगांव, कांकेर, दुर्ग, बालोद, जांजगीर, कोरिया, रायपुर सहित अन्य ज़िलों धरना प्रदर्शन कर आठ वर्ष के बन्धन समाप्त करने की मांग को प्रमुखता से रखा। चुनाव बाद सत्ता परिवर्तन हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बने। मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद नवीन शिक्षाकर्मी संघ का प्रतिनिधिमंडल विधायक व पूर्व शिक्षाकर्मी नेता चन्द्रदेव राय के नेतृत्व में मुलाकात कर चुनावी घोषणापत्र के अनुसार आठ वर्षबन्धन को समाप्त करने की मांग को रखा, जिस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि पहले वर्ष किसानों का फिर दूसरे वर्ष के बजट में शिक्षाकर्मियों के लिए खास रहेगा और उसी वादा के अनुरूप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दूसरे वर्ष के बजट में आठ वर्ष के स्थान पर दो वर्ष पूर्ण कर चुके समस्त शिक्षक पंचा./न.नि. संवर्ग का संविलियन करने का निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

महिला प्रदेश अध्यक्ष उमा जाटव, गंगा पासी, बलविंदर कौर, गीता चन्द्राकर, नंदिनी देशमुख, नानकी अन्दानी, संगीता बैस, तुलेश ठाकुर, विद्या जुर्री, खिलेश्वरी साहू, प्रदेश पदाधिकारी अभिनय शर्मा, दुष्यंत कुम्भकार, अमितेश तिवारी, गिरिश साहू, संजय साहू, अजय कडव, राजेश शुक्ला, प्रकाशचन्द कांगे, चन्द्रशेखर रात्रे, सतीश टण्डन, अमित नामदेव, देवकांत सिन्हा, मनोज चन्द्रा, ब्रिजनारायन मिश्रा ने कहा है कि आठ वर्ष बन्धन को हटाकर सभी शिक्षक पँचायत संवर्ग का संविलियन करने हेतु कोई एक दो माह संघर्ष नवीन शिक्षकर्मी संघ द्वारा नही किया गया है, बल्कि 2013 से 2020 तक हर मंच, हर जगह पर सफलता असफलता पर ध्यान दिए बिना नवीन शिक्षकर्मी संघ का संघर्ष अनवरत जारी रहा। जो एक नवम्बर 2020 को संघर्ष का सफल परिणाम होगा। नवीन शिक्षकर्मी संघ छत्तीसगढ़ पंजीयन क्रमांक 3435 ने प्रदेश के समस्त शिक्षक पँचायत संवर्ग को एक नवम्बर से संविलियन होने पर बहुत-बहुत बधाई प्रेषित किया है।

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