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एन्युअल स्टेट्स ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट ASER 2021 (छत्तीसगढ़) करेगा कोरोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों की लर्निंग लॉस, शैक्षिक स्तर को जांचने सर्वे

रायपुर/ छत्तीसगढ़। एन्युअल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट, असर-2021 (छत्तीसगढ़) का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण विगत दिनों मास्टर ट्रेनरों का राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् रायपुर में संपन्न हुआ। राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् रायपुर एवं समग्र शिक्षा के संयुक्त तत्वाधान में यह सर्वेक्षण कोविंड-19 लॉकडाउन के दौरान बच्चों की लर्निंग लॉस, शैक्षिक स्तर को जाँचने हेतु छत्तीसगढ़ के सभी 28 जिलों में डाइट के छात्राध्यापकों एवं स्थानीय स्वयंसेवकों के माध्यम से सम्पन्न किया जाएगा।असर के राज्य समन्वयक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रत्येक जिले में 60 गाँव का चयन कर प्रत्येक गाँव में रैंडम नियम से 20 घरों का चयन कर सर्वेक्षण किया जाएगा।इस हेतु 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक स्वयंसेवकों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरों द्वारा किया जाएगा।तत्पश्चात पहले चरण में सर्वेक्षण 9 व 10 अक्टूबरको तथा दुसरे चरण में 17 एवं 18 अक्टूबर को जिला स्तर पर सर्वेक्षण कार्य संपन्न किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में SCERT रायपुर अतिरिक्त संचालक योगेश शिवहरे, समग्र शिक्षा से सहायक संचालक एम्. सुधीश, प्रथम संस्था के राज्य समन्वयक गौरव शर्मा के द्वारा सभी मास्टर ट्रेनरों को इस सर्वेक्षण के महत्व को प्रतिपादित करते हुए जिलें में बेहतर काम करने हेतु प्रोत्साहित किया गया | इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में सभी जिलों के डाइट से आये 2 एवं असर, प्रथम से 2 मास्टर ट्रेनर इस प्रशिक्षण में शामिल हुए। इस प्रशिक्षण को संपन्न करने में असर सेंटर से मोहित मिश्रा, भालचंद्र, भूपेन्द्र सिंह का विशेष योगदान रहा असर ग्रामीण भारत के घरों में किया जाने वाला देश का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण है। जिसका उद्देश्य बच्चों के विद्यालय में नामांकन की स्थिति तथा उनके शैक्षणिक अधिगम स्तर को जानना है। प्रथम के सहयोग से यह सर्वेक्षण जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं के स्वयंसेवकों के माध्यम से भारत के लगभग सभी ग्रामीण जिलों में किया जाता है। प्रत्येक वर्ष असर यह जानने की कोशिश करता है कि क्या ग्रामीण भारत में बच्चे विद्यालय जाते हैं, क्या वे सरल पाठ पढ़ सकते है और क्या वे बुनियादी गणितीय करने में सक्षम हैं। वर्ष 2005, 2007 और 2009 से प्रतिवर्ष असर में चयनित गाँव के एक सरकारी विद्यालय की विजिट की गयी है। वर्ष 2010 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) के कार्यान्वयन के पश्चात विद्यालय भ्रमण के दौरान असर ने इस अधिनियम में दिए गए मानक सूचकों को भी शामिल किया है जिनका आसानी से आंकलन किया जा सके।

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