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विश्व शिक्षक दिवस पर DailyBalodNews की प्रस्तुति , पढ़िए हमारे 6 विद्या रत्नों की कहानी, कैसे मेहनत से सफलता के नए मुकाम छू रहे ये शिक्षक,बनाई अपनी अलग पहचान

बालोद/ मोहल्ला/राजनांदगांव/रायपुर

ईश्वरी कुमार सिन्हा
राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक

शासकीय प्राइमरी स्कूल चिटौद (गुरुर)

आपने डिजिटल स्कूल बनाकर प्रदेश, देश व विश्व में बनाई एक स्वतंत्र पहचान, राष्ट्रपति पुरस्कार भी आपके नाम

आप का नाम देश, छत्तीसगढ़ और जिले में पहचान के मोहताज नहीं है। आपने अपनी मेहनत व लगन से स्कूल को ही संवार दिया है। स्कूल को डिजिटल स्कूल बनाकर प्रदेश ही नहीं देश व विदेश में भी आपने अपनी अलग व स्वतंत्र पहचान बनाई है। आप गुरुर विकासखंड के ग्राम चिटौद के प्राथमिक शाला में शिक्षक हैं। अपने 13 साल के शिक्षकीय कार्य में आपने अपने वेतन के लगभग 10 से 12 लाख रुपए स्कूल की साज-सज्जा और स्कूल को डिजिटल बनाने में खर्च कर दिए। इस स्कूल में प्रोजेक्टर, लाउडस्पीकर, टेलीविजन, लैपटॉप और टेबलेट के सहारे पढ़ाई होती है। किताबी शिक्षा के साथ साथ डिजिटल शिक्षा को देखने अन्य जिले के शिक्षक भी यहां आते हैं। इस स्कूल का आस्ट्रेलिया के नागरिकों ने भी निरीक्षण किया है। कलेक्टर, शिक्षा अधिकारी ने भी स्कूल की प्रशंसा की। बेहतर कार्य करने की वजह से आपको राष्ट्रपति से सम्मान व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रत्यक्ष भेंट का अवसर मिल चुका है। अपने बेहतर कार्य की वजह से राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान, राज्यपाल शिक्षक सम्मान सहित कई नेशनल और जिला स्तर पर भी सम्मान मिल चुके है। आपके प्रयास से विद्यालय को 2017 में राज्यपाल पुरस्कार व 2019 में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ था। आपने कोरोना अवधि में अपने किराए के घर को गुरुकुल विद्यालय के रूप में विकसित किया। आपने गांव के करीब 300 विद्यार्थी, पालक, जनप्रतिनिधियों को कंप्यूटर में हिंदी टाइपिंग से जोड़ा। अन्य गांवों के विद्यार्थी भी घर में आकर तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही अपने 1 चौथी के विद्यार्थी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोडिंग की प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। वर्तमान कक्षा 5वीं के 07 विद्यार्थी सहित करीब 12 बच्चे शादी कार्ड डिज़ाइन करने जैसे रोजगारपरक कार्य से जुड़ चुके हैं।

लालरघुवीर सिंह ठाकुर
सीएसी देवारभाट

वर्तमान दायित्व- गढ़बो नवा भविष्य, जिला नोडल अधिकारी बालोद

उपलब्धि सम्मान :- 2020 में पढ़ाई तुंहर दुआर के तहत मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण सम्मान स्कूल शिक्षा विभाग जिला बालोद द्वारा

आपके द्वारा किए जा रहे पहल व नवाचार

👉कोरोना काल में पढ़ाई तुंहर दुआर के तहत संकुल देवारभाट की उपलब्धि भरा रहा।

👉सभी कुल7 प्राथमिक व 3 मिडिल शालाओ में बाहरी दिवालो पर प्रिंट रिच वातावरण निर्माण।

👉सभी शालाओ के शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण 18 मॉड्यूल दीक्षा पर प्रशिक्षण।

👉संकुल में एक शिक्षिका द्वारा स्टोरी विवर बेबसाइट पर कहानीयो हिंदी में अनुवाद लगभग 80 से अधिक हेतु प्रेरित किये।

👉2020 में अंगना म शिक्षा सभी प्राथमिक शालाओ में करने हेतु प्रेरित किए।

👉कोरोना काल में बच्चो के माध्यम से सोसल डिस्टनसिंग,मास्क ,सेनेटाइजर, हाथ धुलाई, के माध्यम से गीत,कहानी,कविता का निर्माण करवाना।

👉सभी शालाओ में कबाड़ से जुगाड़ शून्य निवेश टी एल एम,एवम मॉडल बनाने हेतु प्रेरित किया और फॉलो भी हुआ।

👉ऑनलाइन प्रशिक्षण बेहतरीन वीडियो बनाये के लिए शिक्षको प्रेरित किया और स्वयं भी किए।

👉गढ़बो नवा भविष्य की ऑनलाइन गूगल फार्म सबमिट करने हेतु प्रेरित किया व स्वयं किये भी।
👉गढ़बो नवा भविष्य की गतिविधियों वाला वीडियो भी बनाये।

👉ग्रीष्मकालीन में आमा राइट प्रायोजना पर कार्य करने हेतु शिक्षको प्रेरित किया और स्वयं किये भी।

नेमसिंह साहू
व्याख्याता रसायन शास्त्र/ सचिव स्काउट/गाइड विकासखंड डौंडी,
शिक्षा एम.एससी.रसायन शास्त्र B.Ed, संस्था शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डौंडी सन अगस्त 2008

आपके संघर्ष व सफलता की कहानी ऐसी है,,,,,,

शिक्षकीय जीवन की शुरुआत घोर नक्सल प्रभावित जिला सुकमा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छिंदगढ से किए। वहां अभाव और समस्याओं के बीच आपने जीवन का 11 वर्ष नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दिया। आपके पढ़ाये हुए विद्यार्थी आज वहां उच्च पदों पर सुशोभित हैं। वहां के गरीब बच्चों को अतिरिक्त कक्षा लगाकर शिक्षित करने का कार्य आपने किया। संस्था में विभिन्न विज्ञान मॉडल, इंस्पायर अवार्ड,युवा सांसद के तहत बच्चों को जिला संभाग व राज्य स्तर तक पहुंचाया। नए-नए नवाचार के माध्यम से विज्ञान जैसे विषयों को सरल से सरल तरीके से पढ़ाया। नक्सली क्षेत्र में रहकर विभिन्न विषयों व प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर रहकर जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का भी कार्य किया। घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा में कई चुनावों को जान जोखिम पर डालकर सफलतापूर्वक संपन्न कराया।सुकमा जिले के जिला संगठन आयुक्त स्काउट के पद पर रहकर आपने संस्था व जिले के बच्चों को स्काउटिंग के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले कर गए। आपके कार्यकाल में ही सुकमा जिले में सर्वप्रथम बेसिक ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ शासन व भारत स्काउट गाइड राज्य मुख्य द्वारा आयोजित तीनों राज्य स्तरीय जंबूरी में स्वयं और सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों की भागीदारी करा उन्हें उच्च स्तर तक पहुंचाए। अक्टूबर 2019 में अपने गृह जिले बालोद में शास.कन्या उच्च.माध्य.वि.डौंडी में स्थानांतरण हुआ,तत्पश्चात यहां भी उसी प्रकार की गतिविधियों में अपनी भागीदारी निभाते रहे हैं। यहां भी विज्ञान मॉडल, इंस्पायर अवार्ड मॉडल को उच्च स्तर तक पहुंचाने का श्रेय आपको दिया जाता है। कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षित करने का कार्य लगातार करते रहे हैं। जिसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा आपको पुरस्कृत भी किया गया। विकासखंड डौंडी के स्काउट गाइड सचिव पद पर रहते हुए वनांचल क्षेत्र डौंडी में स्काउटिंग को आगे बढ़ाने का कार्य करते हुए विकासखंड डौंडी में सर्वप्रथम जिले का बिगनर्स कोर्स आयोजित करवाया। जिससे 200 शिक्षक प्रशिक्षित हुए।बच्चों का राज्यपाल पुरस्कार की तैयारी के लिए तृतीय सोपान निपुण प्रशिक्षण व जांच शिविर का आयोजन करवाया। कोरोना काल में लोगों को कोरोना वारियर्स के रूप में कोरोना से बचाव व टीकाकरण के लिए जागृत किया स्काउट गाइड के बच्चों को विभिन्न प्रकार के सेवा कार्य जिसमें मास्क वितरण ,सैनिटाइजर स्वच्छता संदेश,वृक्षारोपण,भीषण गर्मी पशु पक्षियों को दाना पानी आदि कार्य के लिए प्रेरित किया। इस कार्य के लिए शिक्षक दिवस पर उन्हें जिला साहू समाज द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक के पुरस्कार से भी नवाजा गया। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन रक्तदान कर दूसरों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने का भी कार्य किया।आपको कर्मचारी संघ धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के विभिन्न पदों पर भी सुशोभित किया गया है।

श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी
शा. पूर्व मा. शा. गोडेला
गुन्डरदेही संकुल- देवरी द
बालोद

आपके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए ये बेहतर कार्य, जो प्रेरक हैं,,,,,

👉 कोरोना काल में बच्चों को सिखाने की चुनौती का सामना करते हुए आपने अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम में बेहतर सहभागिता निभाई।

👉उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत संभाग स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने विकासखंड में नोडल के रूप में भी काम करते हुए अपने संकुल के अतिरिक्त ब्लॉक के अन्य संकुलों, अंतर संकुल व विकासखण्ड स्तरीय “अंगना म शिक्षा” का आयोजन कर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के माताओ का उन्मुखीकरण करने हेतु विशेष प्रयास किए

👉 बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षित करते हैं।
👉 माता अभिभावकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आपने बच्चों को घर पर ही उपलब्ध सामग्री से पढ़ाई के किए प्रेरित किया।

👉 पढई तुंहर दुआर में सहभागिता देते हुए आपने ऑनलाइन क्लास भी ली। कोरोना संक्रमण की वजह से सत्र 2020-21 के आरंभ से ही आपने वेबेक्स के माध्यम से बच्चों का ऑनलाइन क्लास जारी रखा।

👉 इस ऑनलाईन क्लास में बच्चों को कबाड़ से जुगाड़, शिक्षण सहायक सामग्री से अध्यापन कार्य कराया गया। साथ ही विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।जिससे बच्चों का रूचि बनी रहे।

👉 गूगल क्विज के माध्यम से ऑनलाइन मूल्यांकन किया गया एवं बच्चों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया।

👉अन्य प्रेरणादायक गतिविधियां :- आपके द्वारा मिडिल स्कूल गोड़ेला में प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन स्कूल के भूतपूर्व विद्यार्थियों और गांव में निवासरत कोई भी विद्यार्थी जो किसी भी सरकारी या गैर सरकारी क्षेत्र में कुछ भी उपलब्धि प्राप्त करता है, उसे उनके व्यक्तिगत सलाह और प्रयास से विगत 3 वर्षों से “ग्राम गौरव सम्मान” से सम्मानित किया जाता है ।

👉 अथक प्रयास से विज्ञान विषय हेतु जनसहयोग प्राप्त कर शाला में विज्ञान प्रयोगशाला निर्माण करने में सफलता प्राप्त किया गया,शाला में हेल्प डेस्क बनाया गया एवं कक्षाकक्ष के बाहर एक ब्लैकबोर्ड बनाया गया। जिसमें बच्चे अपने मन से कुछ लिख कर अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त कर सकते हैं।

👉 राज्य स्तरीय किलोल पत्रिका में आपकी स्वरचित कविता का प्रकाशन, जिला स्तरीय नवाचार पुस्तिका में नवाचार का प्रकाशन, राज्य स्तरीय मासिक पत्रिका में नवाचार को स्थान व सफलता की कहानी प्रकाशित हुई।समय समय पर जरुरतमंद व्यक्तियों को आपके द्वारा रक्तदान भी किया गया। अपने बच्चों को चाक-किट में भी सहभागिता, राष्ट्रीय स्तर की चाक किट एप में शैक्षणिक विडियो को स्थान, जिला स्तरीय इन्सपायर अवार्ड में सहभागिता, पढई तुहर दुआर सम्मान, इस्पायरिंग वूमेन अवार्ड, छत्तीसगढ़ शिक्षक सम्मान , अक्षय अलंकरण अवार्ड, एडुडर एप से सम्मान , राष्ट्रीय रत्न प्रतिभा सम्मान, कैलाश सत्यार्थी सम्मान, नारी शक्ति प्रतिभा सम्मान, विश्व बंधुत्व सम्मान प्राप्त हुए हैं।

👉 साहित्य के क्षेत्र में आपको
साहित्य सृजक सम्मान, साहित्य श्री सम्मान, व आपकी कविताओं का प्रकाशन पुस्तकों में भी किया गया।

श्रीमती सीमा साहू

व्याख्याता (गुरुर)

स्काउटिंग में आपने लहराया राज्य स्तर पर परचम, ऐसी है आपकी शख्सियत,,,,,,

आप शा. बा. उ. मा. वि. गुरुर में पदस्थ हैं। आप 23 वर्षों तक शा.उ. पू. मा. वि. – गुरुर में रहकर छात्राओं को विभिन्न गतिविधियों जैसे:- खेलकुद सांस्कृतिक कार्यक्रम, योगा, स्काउट / गाइड में पारंगत किए हैं | आपने 80 के आसपास – छात्राओं को स्काउटिंग से जोड़कर राज्य पुरुस्कार जाँच शिविर में सम्मिलित करवाकर राज्य का सबसे बड़ा सम्मान राज्यपाल पुरस्कार दिलवाने में आपकी महती भूमिका रही। आपने स्काउटिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर जिला को गौरवान्वित किया है। वर्तमान में आप भारत गाइड की राज्य संयुक्त सचिव हैं। सन् 2020 (फरवरी) में आपको महामहिम राज्यपाल द्वारा दीर्घकालीन सेवा अलंकरण प्राप्त हुआ है। आपको 2016 में मुख्यमंत्री गौरव अत्यंकरण (ज्ञानदीप) प्राप्त हो चुका है। आप खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिला प्रभारी रही। स्काउटिंग में आप छत्तीसगढ़ की दूसरे नम्बर गाइड LT. (लीडर ट्रेनर) हैं। आपने हाइकिंग/ ट्रेकिंग में पूरे भारत एवं नेपाल, भूटान का प्रतिनिधित्व की हैं।

राज कुमार यादव (सहायक शिक्षक)
शासकीय प्राथमिक शाला सोमाटोला
विकासखंड – मोहला
जिला – राजनांदगांव (छ ग)

वनांचल में स्मार्ट क्लास की शुरुआत, डिजिटल शिक्षा में नया भविष्य गढ़ रहे अब विधानसभा क्षेत्र के बच्चे

आपको विकासखंड में प्रथम स्मार्ट शाला हेतु उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान 2020 प्राप्त हुआ है। आपके एक प्रयास से पूरे वनांचल में डिजिटल शिक्षा की एक नई क्रांति आई और एक-एक कर कई शिक्षक, शासन प्रशासन, विभाग का पूरा सहयोग मिला और अब यहां डिजिटल शिक्षा से बच्चे पढ़ाई करते हैं। विधानसभा में संपूर्ण शाला डिजिटल होने पर विशेष सम्मान आपको मिला।
मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण के तहत शिक्षा दूत सम्मान 2020,उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान 2021 भी आपके नाम है।विधानसभा स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान के अलावा शून्य निवेश नवाचार के तहत श्री अरविंदो सोसायटी द्वारा विशेष सम्मान दिया गया है। पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण द्वारा विशेष सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार हेतु माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विशेष सम्मान आपको प्राप्त हुए हैं।

अब जरा विश्व शिक्षक दिवस को समझिये

भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को होती है, उन्हीं की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है, लेकिन उनके लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं। कुछ देशों में इस दिन छुट्टी रहती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिक्षकों के महत्व और उनके योगदान को सम्मान दिलाना है। जिस तरह भारत में ‘शिक्षक दिवस’ शिक्षकों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है उसी तरह ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस’ सारी दुनिया में शिक्षकों की भूमिका और उसकी जिम्मेदारियों को समझाने के लिए मनाया जाता है।

विश्व शिक्षक दिवस का इतिहास:

1966 में यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक बैठक हुई जिसमें शिक्षकों के अधिकारों, जिम्मेदारियों, रोजगार और आगे की शिक्षा के साथ गाइडलाइन बनाने की बात कही गई थी। संयुक्त राष्ट्र में विश्व शिक्षक दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए साल 1994 में 100 देशों के समर्थन से यूनेस्को की सिफारिश को पारित कर दिया गया। इसके बाद 5 अक्टूबर 1994 से अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। वैसे अलग-अलग देशों में अलग तारीखों को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

विश्व शिक्षक दिवस 2021 की थीम:

इस साल विश्व शिक्षक दिवस 2021 की थीम है – शिक्षकः बढ़ते संकट के बीच भविष्य की नई कल्पना। अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस यूनिसेफ, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के साथ साझेदारी में मनाया जाता है।

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