बालोद। जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गंगा मैया मंदिर झलमला में इस बार भक्तों द्वारा 935 जोत जलवाए गए हैं।लेकिन उनके दर्शन की इजाजत उन्हें नहीं दी गई है।शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए जोत जले हैं पर दर्शन के लिए मंदिर को बंद रखा गया है। सिर्फ मंदिर समिति से जुड़े हुए कुछ लोग ही वहां पर हैं। जो जोत की देखरेख कर रहे हैं।पुजारी पूजा कर रहें हैं और अन्य अनुष्ठान जो नवरात्रि के दौरान होते हैं वे समिति के लोग ही कर रहे हैं। पहली बार लोगों को पूरे 9 दिन 24 घंटे मंदिर के दर्शन के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया गया है। जिसका लिंक आप इस खबर में देख सकते हैं और ऊपर दिए गए वीडियो से भी सीधे चैनल के जरिए गंगा मैया मंदिर का पूरे 9 दिनों तक दर्शन कर सकते हैं।मंदिर में चार जगह पर कैमरे लगाए गए हैं। मुख्य कक्ष, हवन कक्ष व अन्य जगह पर लगे कैमरे के जरिए ऑनलाइन को देखा जा सकता है। मंदिर के ट्रस्टी सोहन लाल टावरी ने dailybalodnews.com को
बताया कि इस बार कोई आयोजन नहीं होगा। भंडारा तक नहीं होगा। वही विसर्जन रैली तक नहीं निकली जाएगी। हम 9 दिनों तक आराधना करेंगे फिर जोत को स्वयं से शांत होने के लिए छोड़ देंगे। यही विसर्जन का तरीका होगा। लोगों को दर्शन करने की सीधी अनुमति नहीं है इसलिए ऑनलाइन की सुविधा दी गई है। 24 घंटे तक ऑनलाइन दर्शन चालू रहेगा। जिसे आप इस लिंक https://youtu.be/RmITsspekQw पर देख सकतें हैं।
कमरौद के हनुमान मंदिर में सिर्फ एक जोत जला
दक्षिण मुखी भूमिफोड़ हनुमान मंदिर ग्राम कमरौद तह. गुण्डरदेही जिला बालोद में क्वांर नवरात्रि पर्व पर मनोकामना ज्योति कलश के लिए 122 ज्योति कलश का पंजीयन हुआ। जिसमें 91 तेल व 31 घी है। सचिव केश कुमार ठाकुर ने बताया मंदिर समिति व श्रदालु जन आपस में चर्चा कर निर्णय लिया कि कोरोना ( कोविड 19 ) व शासन की गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए सभी के नाम से सिर्फ एक ही ज्योत जलाने का फैसला लिया गया। जो सर्वमान्य रहा ।
मास्क पहनकर पूजा, जले जोत
जिले के अन्य मंदिरों में भी जोत जले। बंजारी धाम जुंगेरा में 86 जोत जले। यहां समिति के लोगों ने मास्क पहनकर पूजा की। यहां मन्दिर परिसर में दूर से दर्शन करने की अनुमति दी गई है। बांकी कोई आयोजन नही होगा।