देवरी ख में वन विभाग जब्त कर रहा 1 हफ्ते से सागौन की लकड़ियां, देखिए जब्ती पर क्या कह रहे किसान, इलाके में विभाग की कार्रवाई बनी चर्चा का विषय
गुंडरदेही/ बालोद। गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम देवरी खप्परवाड़ा में विगत 6 दिन से वन विभाग की टीम सागौन जब्ती को लेकर कार्रवाई कर रही है। यहां रहने वाले किसान शेर सिंह देशमुख के घर व उनके बगीचे खेत खलिहान से सागौन की लकड़ी बरामद हुई है। कुछ लकड़ियां चिरान वाली है तो कुछ पेड़ के गोले हैं। कुछ लोगों की शिकायत पर वन विभाग ने यह छापा मारा है। और लगातार यहां से कार्रवाई चल रही है। 2 से ज्यादा गाड़िया लकड़ी उनके घर व बगीचे से बरामद की गई है। लकड़ी की कीमत लाखों में है। पर वन विभाग द्वारा अब तक स्पष्ट नहीं किया गया है की कुल कितने लाख की लकड़ी है। इस बारे में रेंजर रियाज खान का कहना है कि अभी पूरी कार्यवाही नहीं हो पाई है।जांच चल रही है। कार्रवाई पूरी होने के बाद ही बता पाएंगे कि कुल कितने की लकड़ी है।
वही इस छापामार कार्रवाई पर किसान शेर सिंह देशमुख व उनके बेटे शिव मंगल देशमुख का कहना है कि गांव के कुछ लोगों द्वारा दुर्भावनावश वन विभाग में झूठी शिकायत की गई है। जिस पर यह छापा पड़ा है। मेरे पास आंधी तूफान से गिरी हुई सागौन की लकड़ीयों को कटवाने व उन्हें चिरवाने से संबंधित पूरे दस्तावेज है। विभाग को संबंधित दस्तावेज सौंप कर मैं अपनी लकड़ियां वापस ले आऊंगा। मुझे इस कार्यवाही का कोई डर नहीं है। विभाग अपनी कार्रवाई कर रहा है। कुछ दिन बाद मैं अपने संबंधीत दस्तावेज के साथ अपनी सभी लकड़ियां वापस लाऊंगा और जिन लकड़ियों को कटाने की अनुमति नहीं ली गई है उनसे संबंधित जुर्माना भी विभाग को चुका दूंगा।
इलाके में ये कार्रवाई बनी चर्चा का विषय
लगातार 1 हफ्ते से वन विभाग की टीम इस गांव में जाकर कार्यवाही कर रही है। सागौन इतना है कि उसे ट्रक में भरने के लिए कई मजदूर बुलाए गए हैं। कुछ सागौन की चिरान लकड़ियां किसान के घर से भी बरामद हुई है। जो अलग-अलग जगह पर रखे गए थे। विभाग ने उनकी जब्ती बनाई है। सागौन की कीमत लाखों में है। पर कुल कितने की सागौन की लकड़ी बरामद हुई है यह भी स्पष्ट आंकड़ा वन विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है। बता दें कि इस इलाके में अधिकतर किसानों के खेत में सागौन के पेड़ है। कहुआ व अन्य लकड़ियों की बजाए लगभग सभी के खेत में 10 से 15 तो बड़े किसानों के खेत में सैकड़ो सागौन के पेड़ मिलेंगे।