पुरातात्विक शैलचित्रों के लिए चर्चित है बालोद जिले का चितवाडोंगरी, जिला प्रशासन द्वारा किया गया है क्षेत्र को संरक्षित

आगंतुकों के लिए की गई है मूलभूत सुविधाएं

तनवीर खान, बालोद। बालोद जिला प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही पुरातात्विक महत्व के स्थानों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ कई सारे पुरातात्विक महत्व के स्थल भी काफी चर्चित है, जिसे करीब से निहारने दूर-दूर से लोग आते हैं। इन पुरातात्विक स्थानों में एक नाम चितवाडोंगरी भी है, जो पुरातात्विक शैल चित्रों और प्राकृतिक गुफाओं के लिए काफी चर्चित है। प्राकृतिक आबोहवा से परिपूर्ण यह स्थान हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर्यटकों को चितवाडोंगरी के ऊपरी भाग में चढ़कर जाने से पास ही स्थित गोंदली जलाशय और वनांचल का मनोहारी दृश्य भी देखने को मिलता है।
बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम सहगांव के समीप स्थित चितवाडोंगरी, गोंदली जलाशय के डुबान क्षेत्र के पास स्थित है।

आसपास के क्षेत्रों से ऊँचे स्थान पर स्थित चितवाडोंगरी में बड़ी चट्टानों के बीच काफी सारी छोटी-छोटी गुफाएं आज भी विद्यमान है। यहाँ के विशाल चट्टानों में पुरातात्विक महत्व के शैलचित्र उकेरे हुए दिखाई देते हैं। जिसे वन विभाग द्वारा संरक्षित करने तारों के माध्यम से घेर दिया गया है। चितवाडोंगरी में पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा बैठक, सोलर लाईट, पेयजल, शौचालय, वृक्षारोपण सहित जाने-आने हेतु पर्यावरण के अनुकुल रास्ते बनाए गए हैं। जिसके फलस्वरूप आगंतुक पर्यटक चितवाडोंगरी में बेहतरीन पुरातात्विक पर्यटन स्थल का लुत्फ उठा रहे हैं।

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