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अतिथि के तरह आने वाले आकाशीय पिंड : धूमकेतू

बालोद। इन दिनों सूरज ढलने के बाद आसमान में एक अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, ऐसा संयोग बरसो बाद मिलता है जब अंतरिक्ष का कोई घुमंतू पिंड सूरज के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण के कारण सुदूर अंतरिक्ष से खींचे चले आते है और अपनी चमकदार लंबी पूंछ से पृथ्वी के आसमान में विहंगम दृश्य प्रस्तुत करते है, ऐसे ही पूंछ वाले चमकदार तारे को पुच्छल तारा कहते है। बालोद के खगोल विज्ञानी बीएन योगी ने बताया
इन दिनों संध्या के आकाश में दिखने वाले पुच्छल तारा का नाम है,
सी/2023 A3 (त्सुचिंशान-ATLAS)
जो सूर्यास्त के बाद चमकदार शुक्र ग्रह के दाहिनी ओर पश्चिम दिशा में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करवा रहा है।
इसे 9 जनवरी 2023 को सर्वप्रथम देखा गया था जो 27 सितंबर को पृथ्वी के करीब 0.39 खगोलीय दूरी से गुजरते हुए सूरज की ओर बढ़ गया । इस समय इसे सूर्योदय के ठीक पहले देखा जा रहा था।
9 अक्टूबर को सूर्य के पास से गुजरने के बाद त्सुचिनशान-एटलस अपने
सबसे चमकीले स्तर पर पहुंच गया, और पश्चिमी आसमान में 12 अक्टूबर से शानदार चमक बिखेरते हुए नग्न आंखों से दिखाई दे रहा है।
अभी ये धूमकेतू पृथ्वी और सूरज के बीच के दूरी के आधे दूरी में दिख रहा है और
जैसे जैसे ये सूरज से दूर जा रहा है उसकी चमक क्रमशः घटते जायेगा और कुछ समय बाद ये धीरे धीरे अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों में समा जायेगा।

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