खेल, गीत और नृत्य को बनाती हैं सीखने-सिखाने का माध्यम, नवाचारी गतिविधियों से मिल चूका कई सम्मान
गुरुर/बालोद। शिक्षक दिवस पर हम एक ऐसी शिक्षिका के बारे में बता रहे हैं जिन्हें उनके स्कूल के बच्चे भी उन्हें “मां” का दर्जा देते हैं। शिक्षिका के मधुर व्यवहार और पढ़ाई के तरीकों के बच्चे कायल है और यही वजह है कि स्कूल से पढ़कर निकल चुके बच्चों सहित वर्तमान में जो पढ़ रहे हैं वह भी उनसे एक मां और बच्चों के रिश्तों की तरह जुड़े हुए हैं। बात कर रहे हैं गुरुर ब्लॉक के डाडेसरा प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका विमल बिंदिया रानी की। शिक्षक भी बच्चे बन जाए तो बच्चों की पढ़ाई आसान हो जाती है। ऐसे ही कुछ प्रयोग के जरिए गुरुर ब्लॉक के बासीन संकुल के तहत प्राथमिक शाला डांडेसरा की शिक्षिका विमला (बिंदिया) रानी गंगबेर बच्चों को पढ़ाती है। वह बच्चों के साथ बच्चों की तरह उनके दोस्त और मां बन जाती है। उनके साथ कक्षा की गतिविधियों में जमीन पर ही बैठकर बच्चों को मित्रवत व्यवहार कर उनकी बातों और समस्याओं को सुनती, समझती है। पढ़ाई में खेल गीत नृत्य को विशेष रूप से शामिल कर सीखने सिखाने का माध्यम बनाती है। नैतिक शिक्षा का परिपालन, पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन कार्यक्रम आयोजित करती है। नवाचार के नित नए-नए प्रयोग से बच्चों की समझ को विस्तार करना उनका मुख्य उद्देश्य है। ग्रामीण स्तर पर खेले जाने वाले खेलों में पिंकी पिंकी व्हाट कलर से,,,, रंगों के नाम, पेड़ पौधों के नाम, विभिन्न सब्जियों के नाम, वस्तुओं के नाम को बच्चों में सीखने के माध्यम से पढ़ाई को रुचि कर बनाती है। 2008-10 बैच में पढ़ाए हुए बच्चों द्वारा उन्हें स्पोर्ट्स टीचर सम्मान दिया गया है। तो वही ग्रामीण स्तर पर पुराने पढ़ाए गए बच्चों को प्रेरित हेतु उन्हें फ्यूचर गाइडर टीचर सम्मान भी मिल चुका है।
इसके अलावा ये है उनकी खास उपलब्धियां
हाल ही उन्हे यूपी बदायू की संस्था द्वारा राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान मिला है। कलेक्टर द्वारा भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान मिल चुका है। एनटीसीएफ़ कार्यकर्ता के रूप में भी शिक्षा में नवाचार कर रही।
समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ ऑनलाइन कैपसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ,साइबर सुरक्षा, कोविड 19 हेतु जन आंदोलन जागरुकता व व्यवहार हेतु सम्मानित हुई है। इसके अलावा कोविड 19में ऑनलाइन पढ़ाई हेतु, दिल्ली शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन में आई. सी. टी. (सूचना एवं प्रौद्योगिकी) हेतु प्रमाण पत्र मिला। योग एवम व्यायाम में ब्लॉक व जिला स्तर पर प्रथम, निरंतर दो वर्ष (बच्चों द्वारा) बेस्ट एक्टिविटी टीचर, युवा महोत्सव में संभाग स्तर पर प्रथम सामूहिक कर्मा नृत्य में, कोविड 19में लगातार बच्चों से संपर्क व ऑफलाइन क्लास सामुदायिक भवन डांडेसरा में, मास्क वितरण, 100 दिन पठन में ब्लॉक पीएलसी के रूप में कार्य, अंगना मां शिक्षा हेतु ब्लॉक स्तरीय कार्य,स्काउट गाइड में बुलबुल दल संचालन, एनटीसीएफ द्वारा बेस्ट डांस टीचर और बेस्ट मंच संचालन हेतु सम्मानित, डांडेसरा गांव में बेस्ट शिक्षिका,बेस्ट पालक संपर्क व एसएमसी से संपर्क,नवाचारी शिक्षक हेतु ब्लॉक स्तरीय प्रदर्शनी, डांडेसरा गांव में बेस्ट शिक्षिका,बेस्ट पालक संपर्क व एसएमसी से संपर्क हेतु, नवाचारी शिक्षक हेतु ब्लॉक स्तरीय प्रदर्शनों में सम्मानित हो चुकी हैं। उन्हे भारतीय दलित साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है।