40 साल पुराना हो चुका है गुरूर का बिजली दफ्तर, उपभोक्ता पर गिरा मलबा, सिर पर लगे चार टांके

गुरुर। गुरुर का विद्युत वितरण केंद्र कार्यालय लगभग 40 वर्ष पुराना है ।जो काफी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। इस संबंध में कुछ हफ्ते पहले हमने प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की थी । यहां के अधिकारी कर्मचारी भी इस जर्जर भवन के नीचे काम करते डरे सहमे से रहते हैं की कब क्या घटना हो जाए। ऐसी एक घटना सोमवार को हो गई। जब एक उपभोक्ता लखनलाल साहू निवासी कोचेरा कुछ काम से दफ्तर आया हुआ था। इसी दौरान उस पर छज्जा से मलबा टूटकर उनके सिर पर गिर पड़ा। इस घटना में वे काफी चोटिल हो गए। तत्काल अधिकारी एचके हिरवानी और वीरेंद्र बदरिया ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठाकर अस्पताल पहुंचाया और उनका इलाज कराया। शाम तक उनकी स्थिति में सुधार आया लेकिन उनके सिर पर चार टांके लगे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि कई साल से हम नए भवन की मांग कर रहें। इस संबंध में विधायक को भी अवगत करा चुके हैं। पर अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई है। जर्जर भवन में हमेशा जान का जोखिम रहता है। स्टाफ के साथ आने वाले उपभोक्ताओं को भी दिक्कत होती है। ज्ञात हो कि यह भवन लगभग 40 साल पुराना हो चुका है। भवन में जगह-जगह दरार पड़ गए हैं। छड़ सड़ चुके हैं ।भवन के कमजोर होने के कारण यहां हर पल अनहोनी की आशंका रहती है। छत का प्लास्टर कई बार कर्मचारियों के ऊपर भी गिर चुका है। विद्युत विभाग का यह उप संभाग कार्यालय है। इसके बावजूद शासन प्रशासन और विद्युत वितरण कंपनी इसके जीर्णोद्धार को लेकर ध्यान नहीं दे रही है। यहां प्रतिदिन लोग विद्युत कनेक्शन, नए कनेक्शन, बोर कनेक्श, अस्थाई कनेक्शन जैसे विभिन्न समस्या लेकर पहुंचते हैं। ऐसे में हमेशा दुर्घटना की आशंका रहती है जैसा कि सोमवार को एक दुर्घटना हो भी गई। सबसे ज्यादा बारिश के दिनों में कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। क्योंकि छत के भीतर से बारिश का पानी टपकता है। विगत दिनों लगातार हुई बारिश से छत और कमजोर हो गई है। यही वजह है कि मलबा एक उपभोक्ता पर गिर गया। बारिश के दिनों में भवन में जगह-जगह सीलन आने के कारण करंट फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। पुराने भवन से निजात दिलाने के लिए क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने भी विधानसभा में मुद्दा रखा था। वही जानकारी के मुताबिक नगर में कृष्ण कुंज के पास विद्युत विभाग कार्यालय बनाने के लिए 40 डिसमिल जमीन आवंटित भी किया जा चुका है। लेकिन भवन बनाने में आखिर दिक्कत कहां आ रही है यह अभी तक विभाग के भी समझ के परे हैं। शासन द्वारा विद्युत विभाग कार्यालय के लिए पृथक से सर्व सुविधा युक्त भवन नहीं बनाने के कारण विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को जर्जर भवन में ही अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है। ऐसी घटना और कभी भी हो सकती है। गनीमत उपभोक्ता को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया और उनकी जान बच गई।

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