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जहां दो दिन पहले पहुंचे थे कलेक्टर सहित तमाम अधिकारी, उसी स्कूल में गिरा मलबा, सवाल :1 साल से स्वीकृत हो चुका एक करोड़ 21 लाख रुपए फिर भी क्यों नहीं बन पाया ये स्कूल?

बुधवार को गिरा मलबा

इसी जगह पर हुआ था 2 दिन पहले जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर, पर खुद समस्या से मुक्ति नहीं पा रहा स्कूल

बच्चों का भविष्य खतरे में, क्या किसी बड़े हादसे का हो रहा है इंतजार, आखिर कब जागेगा प्रशासन और कब लेंगे सुध

बालोद। बालोद जिले के सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल की हालत साल दर साल बद से बदत्तर होती जा रही है। लेकिन शासन प्रशासन और संबंधित विभाग की अनदेखी इस कदर बढ़ चुकी है कि इस शाला के लिए नए भवन निर्माण के लिए एक करोड़ 21 लाख की स्वीकृति 1 साल पहले हो चुकी है लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है। नया भवन बनाने के लिए 26 सितंबर 2023 को भूमि पूजन तक हो चुका है। कांग्रेस सरकार के समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा जगन्नाथपुर में आयोजित भेंट मुलाकात के दौरान इस भवन की घोषणा की गई थी। जिसके बाद इसकी स्वीकृति भी मिल गई। लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि अब तक भवन बन नहीं पाया। क्या स्वीकृति भी राजनीति की भेंट चढ़ गई है या विभाग में ही मामला लंबित है या ठेकेदार लापरवाही बरत रहे हैं, ऐसी कोई जानकारी शाला प्रबंधन और शिक्षकों को भी नहीं दी जा रही है। सिर्फ भूमि पूजन का बोर्ड लटका कर इति श्री कर दिया गया है और खामियाजा यहां पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। लगातार जर्जर छत होने के चलते यहां आए दिन घटना होती रहती है। पूर्व में जहां एक छात्र पर पंखा गिर चुका है तो मलबा भी बुधवार को स्टाफ रूम में गिर ही गया।

इस दौरान बैठे स्टाफ बाल बाल बचे। पहले भी इस तरह की घटना कई बार हो चुकी है। लेकिन विभाग और शासन प्रशासन की उपेक्षा के चलते अब ऐसा ही लगता है कि सरकार के नुमाइंदे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं। यहां की दर्ज संख्या भी ज्यादा है। जगह के अभाव में बच्चों को बैठने में भी परेशानी होती है। एक-एक बेंच पर 5 छात्राएं बैठते हैं तो वहीं पढ़ाई कर रहे बच्चों के मन में भी इस बात का हमेशा डर रहता है कि कब किसके ऊपर मलबा गिर जाए और वह घायल हो जाए।

डेली बालोद न्यूज टीम ने देखी मौके पर बदहाली

बुधवार को वस्तुस्थिति का जानकारी लेने के लिए जब हम मौके पर पहुंचे तो जगह-जगह लगभग प्रत्येक कमरे में पानी टपक रहा था। इसी बीच बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। यह उनकी मजबूरी ही थी तो वही बच्चों सहित शिक्षकों ने भी कहा कि जल्द से जल्द भवन बनना चाहिए। विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

देखिए मौके की पूरी वीडियो: रिपोर्टर दीपक यादव ,वीडियोग्राफर मुकेश सेन

इसी जगह पर हुआ था 2 दिन पहले शिविर का आयोजन पर खुद समस्या ग्रस्त है स्कूल

बता दे की जिला प्रशासन के द्वारा 2 दिन पहले सोमवार को जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन इसी स्कूल परिसर में ही किया गया था।

लेकिन यह विडम्बना ही कह सकते हैं कि स्वयं स्कूल समस्या ग्रस्त है और इसका समाधान आज तक नहीं हो पाया है। शिविर में 200 आवेदनों के निराकरण की बात अधिकारी कह रहे थे। पर जिस स्कूल में शिविर लगाया गया था उसी की जर्जर हालात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। स्कूल के लिए जो स्वीकृत हो चुकी है उसका काम कब तक शुरू कराया जाएगा, इस पर भी कोई आगे नहीं आ रहा है। इससे बच्चों सहित पालकों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है ।

क्या कहते हैं प्राचार्य

स्कूल के प्रभारी प्राचार्य टी आर ठाकुर ने कहा कि दो दिन पहले जिला स्तरीय शिविर के दौरान भी हमने वस्तु स्थिति से अधिकारियों को अवगत कराया। स्वयं कलेक्टर महोदय यहां आए थे। उन्होंने भी यहां की हालत देखी है। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द नए भवन का निर्माण शुरू हो। उक्त भवन निर्माण के लिए एक करोड़ 21 लाख रुपए स्वीकृत भी हो चुके हैं। जिसका भूमि पूजन भी हो चुका है। पर अब तक काम शुरू क्यों नहीं हुआ क्या दिक्कत आ रही है हमें भी किसी ने जानकारी नहीं दी है। समय-समय पर हम विभाग को यहां की समस्या से अवगत कराते आए हैं। सभी कमरे का छत जर्जर हो चुका है। जगह-जगह पानी टपक रहा है। मलबा भी गिरते रहता है। इससे कई बार घटना हो चुकी है। बच्चे सहित शिक्षक भी डरे सहमें रहकर अध्ययन अध्यापन करते हैं।

डीईओ ने कहा :मामले को दिखवाता हूं

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने कहा कि आपके माध्यम से मुझे वहां के वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी मिल रही है। नए भवन स्वीकृत और काम शुरू होने के लेकर क्या स्थिति है इसकी मुझे फिलहाल जानकारी नहीं है। मैं पता करके आपको बताता हूं। वहां का भवन जर्जर हालत में तो है इस बात की जानकारी है।

पीडब्ल्यूडी ईई ने कहा : वित्त विभाग से आदेश का इंतजार

मामले में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता एम प्रसाद ने हमें फोन पर बताया कि उक्त स्कूल के लिए स्वीकृति हो चुकी है। टेंडर भी लग गया था। लेकिन पुराना बजट होने के कारण खुला नहीं है। वित्त विभाग से परमिशन मिल जाए तो खुल जाएगा। मलबा गिरने से संबंधित जानकारी आपके माध्यम से मिल रही है। अब हम क्या कर सकते हैं जैसे ही शासन यानी वित्त विभाग से स्वीकृति मिलती है टेंडर एलाट हो जाएगा और काम शुरू होगा। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा घोषित कार्य है, ऐसे में कार्य निरस्त तो नहीं हो जाएगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं होता है। एक बार जो बजट में आ जाता है वह काम होगा ही। नए बजट में यह ओके हो जाएगा।

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