पढ़िए यह रिपोर्ट: युवा किस तरह कर रहे हैं स्मार्टफोन का इस्तेमाल, असर के सर्वे में सामने आई कई सच्चाई! जानकर होंगे हैरान
बालोद/ दुर्ग/रायपुर। ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर 2023: बियॉन्ड बेसिक्स) 17 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में जारी की गई । ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2023: बियॉन्ड बेसिक्स आज नई दिल्ली में जारी की गई। यह रिपोर्ट असर 2023 के भागीदार संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा जारी की गई। असर 2023 ‘बियॉन्ड बेसिक्स’ ग्रामीण भारत में 14 से 18 वर्ष के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इसी आयु वर्ग पर असर 2017 में भी ध्यान केंद्रित किया गया था। प्रथम हॉस्पिटालिटी ट्रेनिंग सेण्टर दुर्ग से सुभाष डोंगरे ने बताया असर नागरिकों द्वारा घरों में किया जाने वाला सर्वेक्षण है जो ग्रामीण भारत में बच्चों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति पर जानकारी प्रदान करता है।
2005 में शुरू करने के बाद, 2014 तक हर साल ‘बेसिक’ असर किया गया। 2016 के बाद से यह हर दूसरे वर्ष में किया जाने लगा। ‘बेसिक’ असर 3 से 16 आयु के बच्चों के पूर्व प्राथमिक कक्षाओं और स्कूल में नामांकन के बारे में जानकारी एकत्रित करता है। साथ ही, 5 से 16 वर्ष के बच्चों की बुनियादी पढ़ने और गणित की क्षमताओं को समझने के लिए एक-एक करके मूल्यांकन किया जाता है। हर दूसरे वर्ष में, असर ग्रामीण भारत में बच्चों की शिक्षा और सीखने के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से जानकारी एकत्रित करता है। असर 2023 का सर्वेक्षण निम्न डोमेन पर केंद्रित था :
● गतिविधि : भारत के युवा वर्तमान में क्या गतिविधियाँ कर रहे हैं?
● क्षमता : क्या वे सरल पाठ पढ़ सकते हैं और बुनियादी गणित कर सकते हैं, और इनका दैनिक जीवन में प्रयोग कर सकते हैं?
● डिजिटल जागरूकता और कौशल : क्या उनके पास स्मार्टफोन है? वे स्मार्टफ़ोन का उपयोग किस लिए करते हैं? क्या वे स्मार्टफोन पर कुछ सरल डिजिटल कार्य कर सकते हैं?
असर 2023 ‘बियॉन्ड बेसिक्स’ सर्वेक्षण 26 राज्यों के 28 जिलों में किया गया। यह 14-18 आयु वर्ग के कुल 34,745 युवाओं तक पहुँचा। प्रत्येक राज्य में एक ग्रामीण ज़िले का सर्वेक्षण किया गया, और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में दो ग्रामीण ज़िलों का सर्वेक्षण किया गया।
असर 2023: मुख्य निष्कर्ष
सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष आगे दिए गए हैं। हालाँकि, अलग-अलग ज़िलों के डाटा में काफ़ी अंतर है जो रिपोर्ट में प्रत्येक ज़िले के ‘डिस्ट्रिक्ट पेज’ में देखे जा सकते है।
गतिविधि
■ 14 से 18 आयु वर्ग में 86.8% युवा किसी शैक्षणिक संस्थान में नामांकित हैं।
लड़के और लड़कियों के नामांकन में अंतर कम हैं, परंतु आयु के अनुसार अंतर ज़्यादा हैं। 14 वर्ष के 3.9% युवा और 18 वर्ष के 32.6% युवा नामांकित नहीं हैं।
■ इस आयु वर्ग के अधिकतम युवा कला/मानविकी स्ट्रीम में नामांकित हैं। कक्षा 11 या उससे ऊपर नामांकित युवाओं में आधे से अधिक युवा कला/मानविकी (55.7%) मे नामांकित हैं। लड़कियों (28.1%) की तुलना में अधिक लड़के (36.3%) STEM में नामांकित हैं।
■ सर्वेक्षित युवाओं में से केवल 5.6% युवा व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं या अन्य संबंधित कोर्स कर रहे हैं।
कॉलेज में नामांकित युवाओं में यह अनुपात सबसे अधिक (16.2%) है। अधिकांश युवा कम अवधि के कोर्स कर रहे हैं (6 माह या उस से कम अवधि वाले)।
■ युवाओं से यह भी पूछा गया था कि क्या उन्होंने पिछले महीने में 15 या उससे अधिक दिन कोई अन्य काम किया है। लड़कियों (28%) की तुलना में लड़कों (40.3%) में अन्य काम करने का अनुपात अधिक है।
अन्य काम कर रहे ज़्यादातर युवा परिवार के कृषि-संबंधित कार्य करते हैं।
क्षमता
सर्वेक्षित युवाओं को पाँच प्रकार के कार्य दिए गए। इनमें से चार पर डाटा नीचे उल्लिखित है: बुनियादी पढ़ने, गणित और अंग्रेजी क्षमताएं; रोजमर्रा की गणनाओं में बुनियादी कौशल का अनुप्रयोग; लिखित निर्देशों को पढ़ना और समझना एवं ऐसी वित्तीय गणनाएँ करना जिनकी वास्तविक जीवन में आवश्यकता होती है। डिजिटल कार्यों पर युवाओं के प्रदर्शन को ‘डिजिटल जागरूकता और कौशल’ भाग में दिया गया है।
14-18 आयुवर्ग के युवाओं में बुनियादी क्षमताएँ
■ इस आयुवर्ग के सभी युवाओं में से लगभग 25% युवा अब तक अपनी क्षेत्राीय भाषा में कक्षा II स्तर का पाठ नहीं पढ़ सकते हैं।
■ आधे से ज़्यादा युवा भाग (3-अंक से 1-अंक) का सवाल नहीं कर पाते हैं। सिर्फ 43.3% युवा यह सवाल सही कर पाए। यह क्षमता कक्षा 3 या 4 में अपेक्षित की जाती है।
■ आधे से अधिक युवा अंग्रेजी में वाक्य पढ़ सकते हैं (57.3%)। इनमें से, लगभग तीन-चौथाई युवा ही उनका अर्थ बता सकते हैं (73.5%)।
■ सभी नामांकन स्थितियों में, लड़कों (70.9%) के मुकाबले ज़्यादा लड़कियाँ (76%) अपनी भाषा में कक्षा II स्तर का पाठ पढ़ सकती हैं। इसके विपरीत, गणित और अंग्रेजी में लड़के लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
दैनिक गणनाएँ
सभी लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसे कई दैनिक कार्य करने में सक्षम हों, जिनमें बुनियादी गणित करने की क्षमता की आवश्यकता होती है। युवाओं के दैनिक जीवन से संबंधित ऐसे विभिन्न कार्यों को असर 2023 में शामिल किया गया।
▪ लगभग 85% से अधिक सर्वेक्षित युवा स्केल का प्रयागे करके तब लंबाई माप सकते हैं जब उसे 0 cm से शरू किया जाए। परंतु शुरुआती बिंदु बदलने पर यह अनुपात तेज़ी से गिरकर 39% हो जाता है। लगभग 50% युवा अन्य दैनिक गणनाएँ कर सकते हैं।
लिखित निर्देशों को पढ़ना और समझना – दैनिक जीवन में इसका उपयोग
युवाओं को O.R.S. (ओआरएस) पैकेट पर दिए गए निर्देश पर आधारित कुछ प्रश्न पूछे गए थे। यह कार्य केवल उन युवाओं को दिया गया जो असर पढ़ने की जाँच में कम से कम कक्षा I स्तर का पाठ पढ़ सके।
■ उन युवाओं में से जो कम से कम कक्षा I स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं, लगभग दो-तिहाई युवा पैकेट के आधार पर 4 में से कम से कम 3 प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं।
वित्तीय गणनाएँ
जो युवा असर गणित की जाँच में कम से कम घटाव कर सके, उन्हें कुछ आम-तौर पर की जाने वाली वित्तीय गणनाओं पर कार्य दिए गए।
■ जो युवा असर गणित की जाँच में कम से कम घटाव कर सके, उनमें से लगभग 60% युवा बजट का प्रबंधन और लगभग 37% युवा छूट की गणना कर सकते हैं। लेकिन केवल 10% ही ऋण भुगतान की गणना कर सकते हैं।
‘क्षमता’ डोमेन का डाटा बताता है कि बुनियादी पढ़ने और गणित करने की क्षमताएँ दैनिक गणनाएँ और निर्देश समझने जैसे रोजमर्रा के कार्यों को करने में मदद करती हैं। हालाँकि, लगभग सभी कार्यों में लड़कों का प्रदर्शन लड़कियों की तुलना में बेहतर था।
डिजिटल जागरूकता और कौशल
असर 2023 में डिजिटल कनेक्टिविटी और क्षमताओं को समझने के लिए एक सेल्फ़-रिपोर्टेड प्रश्नावली द्वारा युवाओं में डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता और उपयोग पर जानकारी ली गई। साथ ही, उनके डिजिटल कौशल का मूल्यांकन किया गया – उनसे सर्वेक्षकों के सामने एक स्मार्टफोन पर कुछ डिजिटल कार्य करवाएँ गए।
डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता (सेल्फ़-रिपोर्टेड)
■ लगभग 90% युवाओं के घर में स्मार्टफोन हैं, और उतने ही युवा इसका प्रयोग करना जानते हैं। उनमें से जो स्मार्टफोन का प्रयोग कर सकते हैं, लड़कियों (19.8%) की तुलना में दोगुने से अधिक लड़कों (43.7%) के पास स्वयं का स्मार्टफोन हैं।
■ लड़कों की तुलना में कम लड़कियाँ बताती हैं कि वे स्मार्टफोन या कंप्यूटर चलाना जानती हैं।
संचार और ऑनलाइन सुरक्षा (सेल्फ़-रिपोर्टेड)
■ लगभग सभी युवाओं (90.5%) ने बताया कि उन्होंने सर्वेक्षण से पिछले सप्ताह में सोशल मीडिया का प्रयोग किया। लड़कियों (87.8%) की तुलना में लड़कों (93.4%) में इसका अनुपात थोड़ा अधिक है।
■ सोशल मीडिया का प्रयोग करने वाले सभी युवाओं में से लगभग आधे ही उन सुरक्षा संबंधित सेटिंग्स के बारे में जानते हैं जो सर्वेक्षण में पूछे गए थे। लड़कियों की तुलना में ज़्यादा लड़के इन सुरक्षा सेटिंग्स के बारे में जानते हैं।
पढ़ाई और सीखने संबंधित (सेल्फ़-रिपोर्टेड)
■ उन युवाओं में से जो स्मार्टफोन का प्रयोग कर सकते हैं, दो-तिहाई ने सर्वेक्षण से पिछले सप्ताह में स्मार्टफोन का प्रयोग पढ़ाई से संबंधित गतिविधियों जैसे ऑनलाइन वीडियो देखना, शंकाओं का समाधान या नोट्स को साझा करने के लिए किया।
■ वर्तमान में अनामांकित युवाओं में से भी एक-चौथाई ने सर्वेक्षण से पिछले सप्ताह में अपने स्मार्टफोन पर पढ़ाई संबंधित गतिविधियाँ की हैं।
ऑनलाइन सेवाएँ और मनोरंजन
■ सभी युवाओं में से एक-चौथाई से थोड़े अधिक ने बताया कि उन्होंने स्मार्टफोन का उपयोग ऑनलाइन सेवाएँ जैसे भुगतान करने, फॉर्म/बिल भरने और टिकट बुक करने के लिए किया है।
■ लगभग 80% युवाओं ने बताया कि उन्होंने पिछले सप्ताह में फिल्म देखने और गाने सुनने जैसी मनोरंजन संबंधित गतिविधियों के लिए स्मार्टफोन का प्रयोग किया।
डिजिटल कार्य (यह कार्य सर्वेक्षक की उपस्थिति में स्मार्टफोन पर किए गए )
सर्वेक्षण के दौरान डिजिटल कार्यों को करने के लिए युवा से अपना, परिवार के सदस्य का, या पड़ोसी का अच्छी कनेक्टिविटी वाला स्मार्टफोन लाने के लिए कहा गया था।
सर्वेक्षण के दौरान दो-तिहाई से थोड़े अधिक युवा यह कार्य करने के लिए स्मार्टफोन ला सके। लड़कियों (62%) की तुलना में ज़्यादा लड़के (72.9%) स्मार्टफोन ला पाए।
जो युवा स्मार्टफोन ला सके, उनमें से लगभग 80% युवा यूट्यूब पर पूछे गए वीडियो को ढूँढ सके और इनमें से लगभग 90% इसे किसी के साथ साझा कर पाए। 70% युवा इंटरनेट का प्रयोग कर किसी प्रश्न का उत्तर खोज सके। लगभग दो-तिहाई युवा निर्धारित समय का अलार्म सेट कर सके। एक-तिहाई से कुछ अधिक युवा दो स्थानों के बीच यात्रा में लगने वाले समय का पता लगाने के लिए गूगल मैप्स का प्रयोग कर सके।
● सभी कार्यों में, लड़कों ने लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन किया।
● कक्षा स्तर के साथ डिजिटल कार्यों पर प्रदर्शन में सुधार होता है।
● बुनियादी पढ़ने के स्तर के बढ़ने के साथ डिजिटल कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।
ज़िला निष्कर्ष
ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2023: बियॉन्ड बेसिक्स आज नई दिल्ली में जारी की गई। यह रिपोर्ट असर 2023 के भागीदार संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा जारी की गई। असर 2023 ‘बियॉन्ड बेसिक्स’ ग्रामीण भारत में 14 से 18 वर्ष के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इसी आयु वर्ग पर असर 2017 में भी ध्यान केंद्रित किया गया था।
असर नागरिकों द्वारा घरों में किया जाने वाला सर्वेक्षण है जो ग्रामीण भारत में बच्चों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति पर जानकारी प्रदान करता है। 2005 में शुरू करने के बाद, 2014 तक हर साल ‘बेसिक’ असर किया गया। 2016 के बाद से यह हर दूसरे वर्ष में किया जाने लगा। ‘बेसिक’ असर 3 से 16 आयु के बच्चों के पूर्व प्राथमिक कक्षाओं और स्कूल में नामांकन के बारे में जानकारी एकत्रित करता है। साथ ही, 5 से 16 वर्ष के बच्चों की बुनियादी पढ़ने और गणित की क्षमताओं को समझने के लिए एक-एक करके मूल्यांकन किया जाता है। हर दूसरे वर्ष में, असर ग्रामीण भारत में बच्चों की शिक्षा और सीखने के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से जानकारी एकत्रित करता है। असर 2023 का सर्वेक्षण निम्न डोमेन पर केंद्रित था :
● गतिविधि : भारत के युवा वर्तमान में क्या गतिविधियाँ कर रहे हैं?
● क्षमता : क्या वे सरल पाठ पढ़ सकते हैं और बुनियादी गणित कर सकते हैं, और इनका दैनिक जीवन में प्रयोग कर सकते हैं?
● डिजिटल जागरूकता और कौशल : क्या उनके पास स्मार्टफोन है? वे स्मार्टफ़ोन का उपयोग किस लिए करते हैं? क्या वे स्मार्टफोन पर कुछ सरल डिजिटल कार्य कर सकते हैं?
असर 2023 ‘बियॉन्ड बेसिक्स’ सर्वेक्षण 26 राज्यों के 28 जिलों में किया गया। यह 14-18 आयु वर्ग के कुल 34,745 युवाओं तक पहुँचा। प्रत्येक राज्य में एक ग्रामीण ज़िले का सर्वेक्षण किया गया, और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में दो ग्रामीण ज़िलों का सर्वेक्षण किया गया।
छत्तीसगढ़ में, आई.टी.एस. कॉलेज के स्वयंसेवकों द्वारा असर 2023 सर्वेक्षण गरियाबंद में किया गया।
गरियाबंद में, 14-18 आयु वर्ग के 68.5% युवा किसी फॉर्मल शिक्षण संस्थान में नामांकित हैं और 65.3% युवा सरकारी संस्थानों में नामांकित हैं। वहीं, 31.5% युवा कहीं भी नामांकित नहीं हैं, और यह अनुपात 14-16 वर्ष के युवाओं की तुलना में 17-18 वर्ष के युवाओं में अधिक है। 17-18 वर्ष की आयु वर्ग में, 46% लड़कियों की तुलना में 49% लड़के किसी फॉर्मल शिक्षा संस्थान में नामांकित नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, 1.8% युवा किसी रूप में व्यावसायिक प्रशिक्षण में नामांकित हैं और 40.3% ने सर्वेक्षण से पिछले महीने में कम से कम 15 दिन के लिए कोई काम (घर के काम के अलावा) किया हैं।
गरियाबंद में 14-18 आयु वर्ग के सभी युवाओं में से, 76.5% असर पढ़ने की जाँच में कम से कम कक्षा II स्तर का पाठ पढ़ पाए, 26.2% असर गणित की जाँच में कम से कम भाग कर पाए और 46.3% असर अंग्रेजी की जाँच में कम से कम वाक्य पढ़ पाए। कुल मिलाकर, 26.7% सर्वेक्षित युवा समय की गणना कर सकते हैं, 80.2% सर्वेक्षित युवा स्केल का प्रयागे करके लंबाई माप सकते हैं जब उसे 0cm से शुरू किया जाए। परंतु शुरुआती बिंदु बदलने पर यह अनुपात तेज़ी से गिरकर 25.2% हो जाता है। 37.4% युवा अन्य वज़न जोड़ना और 32.6% युवा ऐकिक नियम लागु करने का कार्य कर सकते हैं। जो युवा कम से कम कक्षा I स्तर का पाठ (असर पढ़ने की जाँच) पढ़ सके, 54.1% दवा के पैकेट को पढ़कर उसके बारे में 4 में से कम से कम 3 प्रश्नों का उत्तर दे पाए। उनमें से जो कम से कम घटाव (असर गणित की जाँच) कर पाए, 46.4% बजट प्रबंधन का कार्य कर सके, 21.4% छूट की गणना कर सके और 2% ऋण भुगतान की गणना कर सके। अधिकांश कार्यों में, लड़कों ने लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन किया।
गरियाबंद में, 89% युवाओं के पास घर में स्मार्टफोन था। 89.1% युवाओं ने बताया कि वे स्मार्टफोन का प्रयोग करना जानते हैं; लड़कों में यह अनुपात 93.1% था और लड़कियों में यह 86.2% था। जो युवा स्मार्टफोन का उपयोग कर सकते थे, उनमें से 18% लड़कियों की तुलना में 45.5% लड़कों के पास स्वयं का स्मार्टफोन था। उन सभी युवाओं में से जो स्मार्टफोन का उपयोग कर सकते हैं, 51.2% ने सर्वेक्षण से पिछले सप्ताह में कम से कम एक शिक्षा से संबंधित गतिविधि की, जबकि 90.2% ने किसी सोशल मीडिया का उपयोग किया। हालाँकि अधिकांश युवाओं ने सर्वेक्षण से पिछले सप्ताह में सोशल मीडिया का उपयोग किया, उनमें से युवाओं का बहुत कम अनुपात इसकी सुरक्षा संबंधित सेटिंग्स जैसे प्रोफ़ाइल को ब्लॉक करना, किसी प्रोफ़ाइल को प्राइवेट बनाना आदि जानते हैं। गरियाबंद में, 63.1% युवा डिजिटल कार्य करने के लिए स्मार्टफोन ला पाए, और इनमें से, 40.4% अलार्म सेट कर सके, 69% जानकारी खोजने के लिए इंटरनेट ब्राउज़ कर सके, 19.8% गूगल मैप्स का उपयोग कर सके और 69.2% दिया गया यूट्यूब वीडियो ढूंढ सके। सभी डिजिटल कार्यों में लड़कों ने लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन किया।