A DIGITAL MEDIA

बालोद जिले (छत्तीसगढ़) का विश्वसनीय डिजिटल मीडिया 9755235270/7440235155

Advertisement

EXCLUSIVE- सरकार के लिए वाहवाही और मजदूरों के लिए विडंबना -वन विभाग ने आदिवासी परिवारों से बनवा लिया ट्री गार्ड, रोजगार मिला पर मजदूरी नहीं, 6 महीने से भटक रहे, लगा रहे फरियाद, बालोद जिले में 10 लाख से ज्यादा बकाया, देखिए क्या कह रहे पीड़ित मजदूर

देखिये वीडियो क्या बोले मजदूर

बालोद – वन विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के नाम पर  पौधों की सुरक्षा देने के लिए बांस से ट्री गार्ड का निर्माण करवाया गया था इस योजना ने सरकार को वाहवाही तो दिलाई लेकिन उन आदिवासी गरीब परिवारों को इस ट्री गार्ड बनाने के बदले मजदूरी आज तक नहीं दी गई है। मामला बालोद जिले के बालोद ब्लॉक के ही ग्राम रानीतराई, कन्नेवाड़ा व बघमरा का है। जहां के 100 से ज्यादा  परिवारों ने बांस से ट्री गार्ड का निर्माण किया था।

अगस्त में लगभग 2400 ट्री गॉर्ड बनाया गया था। प्रत्येक ट्री गॉर्ड के बदले वन विभाग द्वारा 450 रुपए  का भुगतान किया जाना था। यानी अनुमान के मुताबिक कुल 10 लाख 80 हजार रुपये गरीब मजदूरों को मिलने थे। जिसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है। विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के नाम पर ट्री गॉर्ड बनाकर इस योजना पर वाहवाही लूटी गई है लेकिन गरीब मजदूरों का कुछ भला नहीं हुआ है। जो कड़ी मेहनत करके इस ट्री गार्ड को तैयार किए थे। कई बार जिला प्रशासन, जिला पंचायत प्रशासन से मजदूरी भुगतान को लेकर मांग कर चुके हैं। लेकिन हाल ऐसा है कि सिवाय आश्वासन के उन मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पाई है। जिससे थक हार कर उक्त मजदूर भाजपा के प्रदेश मंत्री राकेश यादव की शरण में आए और अपनी मांगों को लेकर वे रायपुर जाने की तैयारी कर रहे हैं।

क्या बोले प्रदेश मंत्री

भाजपा के प्रदेश मंत्री राकेश यादव ने कहा कि ग्रामीण हम तक अपनी समस्या लेकर आए थे। इस संबंध में हम शासन प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि  उनकी सुनवाई हो। डीएफओ से इस संबंध में चर्चा हुई है। उन्होंने कहा है कि उनका पैसा जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा। अगर इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम भाजपा संगठन एकजुट होकर धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।

इधर ये नेता क्या बोले

भाजपा नेता पालक ठाकुर ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है। वन विभाग अपनी योजनाओं पर आदिवासी परिवारों से काम तो करवा लेती हैं उन्हें लेकिन  मजदूरी नहीं दे रही है। यह गलत बात है। इसका विरोध करते हैं और जरूरत पड़ी तो इस पर आंदोलन भी करने को तैयार है।

भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र देशमुख ने कहा कि यह तो नाइंसाफी है। वन विभाग अपनी योजना के नाम पर वाहवाही लूट रही है लेकिन अगर अगर ट्री गॉर्ड बनाने वालों को मजदूरी नहीं दी गई है तो इस योजना का कोई औचित्य नहीं है। विभाग को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ।जरूरत पड़ी तो हम इसमें धरना प्रदर्शन करेंगे।

 क्या बोले प्रभावित परिवार 

बालोद पहुंचे ट्री गॉर्ड बनाने वाले प्रभावित परिवार के लोगो  ने कहा कि कुल 2400 नग ट्री गॉर्ड बनाने का ऑर्डर मिला था । जिसकी राशि 10 लाख 80000 होती है। 450 रुपए प्रति ट्री गॉर्ड दिया जाना था। 100 से ज्यादा परिवार ने इसे बनाया है। एक-एक परिवार का 15 से 30 हजार बकाया है। कलेक्टर व डीएफओ के पास कई बार जा चुके हैं। बीच में कहा गया था कि मनरेगा के जरिए उक्त राशि का भुगतान कर देंगे। लेकिन भरी दिवाली में हम बिना पैसे के रहे। हमें मजदूरी नहीं मिली। कर्ज लेकर हम सामान जुटाए थे और ट्री गार्ड बनाए थे। लेकिन हाल आज हालत ऐसा है कि सरकार की इस योजना में हम काम तो कर चुके लेकिन काम के बदले हमें मेहनताना तक नहीं मिला है। बिहान योजना के तहत आदिवासी समूह द्वारा उक्त ट्री गार्ड का निर्माण किया गया था। 

सरकार के दो साल पर उठाया सवाल?

मांग लेकर बालोद पहुंचे रानीतराई के महादेव नेताम,  बृजलाल उइके कुंदन सोरी नारायण सोरी सहदेव राम नेताम, विशाल उइके ,बघमरा से विश्वनाथ उइके, अंजू उइके, घनश्याम सोरी, सेवन्त सोरी, कन्ने वाड़ा से स्वरूप सोरी, हिराउ राम सोरी जगमोहन सोरी, गुलाल उइके माधव सोरी, राजू सोरी, लक्ष्मण सिंह, लता उइके, जानकी नेताम, जीवन उइके, प्रकाश सोरी,रामाधीन उइके ने सरकार पर सवाल उठाते कहा कि क्या यही दो साल की सौगात है? सरकार दो साल के कार्यकाल पूरे होने का जश्न मना रही हमारी भी सुनें तो माने?

डीएफओ का ये है कहना

इस मामले में जब हमने डीएफओ मयंक पाण्डेय से बात की तो उन्होंने कहा यह समस्या पूरे राज्य में है. मनरेगा से पैसा नहीं मिल पा रहा है. इसलिए दुसरे मद से भुगतान को लेकर हेड क्वार्टर द्वारा प्रयास किया जा रहा है.

You cannot copy content of this page