महिला सेल ने कराई 23 प्रकरणो में सुलह: परिवार टूटने से बचा
बालोद। जिला बालोद अतंर्गत पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव के निर्देशन में संचालित व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील नायक एवं नोडल अधिकारी गीता वाधवानी के मार्गदर्शन में महिला सेल बालोद में माह जून एवं जुलाई में वरिष्ठ कार्यालय से 09 शिकायत व महिला सेल में 46 शिकायत, कुल 55 पारिवारिक समस्या संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसमें 23 प्रकरणों में काउंसलिंग कर राजीनामा (परिवार एकीकरण) करवाया गया हैं। कुछ प्रकरणों का विवरण इस प्रकार हैं। ग्राम सिकोसा की रहने वाली आवेदिका का शिकायत आवेदन थाना गुण्डरदेही के माध्यम से प्राप्त हुआ था। वर्ष 2019 में आवेदिका का चुड़ी प्रथा विवाह ग्राम सिकोसा जिला बालोद में हुआ था, दाम्पत्य से 01 बच्चा हैं, जो सिकलिंग बीमारी से ग्रसित हैं। विवाह के बाद पति-पत्नी डेढ़ वर्ष तक अच्छे से रहे, आवेदिका का भाई अनावेदक से पैसा उधार लिया था जिसे वापस नहीं किया हैं, पैसो के कारण पति-पत्नी के मध्य विवाद होता था, आवेदिका अपने मायके चली गयी थी, महिला सेल को शिकायत प्राप्त होने पर दोनों पक्षों को बुलाकर समझाईश दी गई, आवेदिका वर्तमान में 05 माह की गर्भवती हैं डिलवरी के बाद अपने पति के साथ जाने को सहमत हैं। अनावेदक भी अपनी पत्नी को साथ में रखने सहमत हो गया।
इसी तरह ग्राम हीरापुर की रहने वाली आवेदिका का शिकायत आवेदन महिला सेल को प्राप्त हुआ था। वर्ष 2005 में आवेदिका का अंतरजातीय विवाह ग्राम हीरापुर जिला बालोद में हुआ था, दाम्पत्य से 03 बच्चे हैं। विवाह के बाद पति-पत्नी प्रेमपूर्वक रह रहे थें, अनावेदक पति वर्ष 2022 में कमाने खाने के लिए मुंबई चला गया, इसके बाद आवेदिका का इसके सास-ससुर के साथ छोटी-छोटी घरेलू बातों पर वाद-विवाद होने लगा। महिला सेल बालोद को शिकायत आवेदन प्राप्त होने पर दोनो पक्षों को बुलाकर समझाईश दी गई, समझाईश बाद आवेदिका और उसके सास-ससुर साथ में रहने सहमत हो गये आवेदिका को 03 बच्चो के भरण पोषण की अत्यधिक परेशानी होने की बात बताने पर आवेदिका का पति जो मुंबई में कमाने खाने चला गया हैं को मोबाईल के माध्यम से समझाईश दी गई, जो महिला सेल की समझाईश के बाद आवेदिका के खाते में प्रतिमाह 5000/- रूपये भरण-पोषण हेतु विगत 02 माह से भेज रहा हैं।
वहीं गुण्डरदेही थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम अरौद निवासी आवेदिका द्वारा पति व सास के द्वारा रूपये चोरी का आरोप लगाने व सास के द्वारा दुधमुंहे बच्चे को दूध नहीं पिलाने देने के संबंध में शिकायत आवेदन प्राप्त हुआ था, दोनों पक्षों को काउंसलिंग हेतु बुलाया गया था। काउंसलिंग के दौरान दोनों पक्षों को प्रेम पूर्वक रहने की समझाईश दी गई व आवेदिका की सास को भी समझाया गया, समझाईश बाद समझौता हो गया।
इनकी रही विशेष भूमिका
उक्त काउंसलिंग कार्यवाही में काउंसलर नीतू सोनवानी, रमेश शर्मा, प्रकाश उपाध्याय, निरीक्षक गायत्री शर्मा, आरक्षक वेदप्रकाश पटेल, आर. मोहम्मद जाकिर, महिला आर. दानेश्वरी भुआर्य, महिला आर. पूजा यादव और महिला आर. दुलेश्वरी साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।