छत्तीसगढ़ की लोकगीतों में जीवन जीने के सारे मर्म समाहित है- जगदीश देशमुख

बालोद। छत्तीसगढ़ी लोक सांस्कृतिक की यात्रा के कालजयी सर्जना चंदैनी गोंदा के सुविख्यात संगीतकार खुमान लाल साव, प्रसिद्ध हास्य कलाकार गौकरण साहू, तथा प्रसिद्ध तबला वादक दिलीप निषाद के पुण्य स्मृति में युगल साहू बड़गांव तथा गैंदराम साहू, भोज बाई साहू, भारती साहू, दिलीप साहू द्वारा ग्राम पोण्डी में आयोजित पुष्पांजलि सुरता सम्मान समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवं दूरसंचार विभाग भारत सरकार के सलाहकार सदस्य जगदीश देशमुख ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोकगीतों में लोक संस्कृति, लोक कला के साथ जीवन जीने के सारे मर्म समाहित है। इन गीतों में जीवन के विविध पक्ष प्रेम, त्याग ,उत्सर्ग ,वियोग, संयोग ,हास ,परिहास ,मिलन तथा पलायन के दर्द भी है।

इन गीतों में धर्म, संस्कृति तथा अध्यात्म के गहरे जीवन समाहित है। श्री देशमुख ने छत्तीसगढ़ी लोकगीत सुआ, ददरिया, करमा, रिलो को विश्लेषित करते हुए कहा कि ददरिया छत्तीसगढ़ी लोक गीतों की आत्मा है ।


कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम सरपंच मुरलीधर भूआर्य ने की। विशेष अतिथि के रूप में जनपद सदस्य हरीश चंद्र साहू , भाजपा ग्रामीण मंडल महामंत्री दानेश्वर मिश्रा,कचरू राम सिन्हा,देव सिंह साहू, गैंदलाल मिश्रा, रविंद्र टैमेरिया उपस्थित रहे। सुप्रसिद्ध लोक कलाकार रिखी क्षत्रिय कृत लोक रागिनी की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई। दर्शक गण सुबह तक इंद्रधनुषी प्रस्तुति का आनंद लेते रहे।

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