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फ़िल्म नही असली सीन- 49 साल बाद बचपन की यादें ताजा करने पहुंचे दिल्ली के वैज्ञानिक, बालोद के पाररास में हुई थी उनकी प्राइमरी शिक्षा, पढ़िए इनकी कहानी

बच्चों को भी किए बेहतर लक्ष्य के लिए प्रेरित

बालोद। बालोद के पाररास के स्कूल में शनिवार को एक ऐसे खास मेहमान का आगमन हुआ जो 49 साल पहले यहां के प्राइमरी स्कूल में पढ़े थे। 1ली से 5वी तक सन 1967 से 1973 के बीच उनकी शिक्षा-दीक्षा यही हुई और इतना ही नहीं जो मेहमान आए वे आज देश का नाम रोशन कर रहे हैं। दरअसल में जो आए थे वे डीआरडीओ मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में डायरेक्टर ऑफ जनरल डॉक्टर सुधीर कामथ थे। जो 1967 में पाररास के स्कूल में पहली कक्षा में भर्ती हुए थे और यहां वे 1972 तक कक्षा पांचवी में पढ़ाई किए। यहां के स्कूल में उनका दाखिला रिकॉर्ड भी है उनके पिता सीएच गोविंद कामथ बालोद रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर थे। पिता की पोस्टिंग के दौरान उनका रहना रेलवे कॉलोनी में ही होता था। पाररास में उनकी बहन संध्या भी पढ़ी है। जोकि उनसे दो कक्षा आगे थी। आज वे दिल्ली में पदस्थ है। जब अपने बचपन के स्कूल पहुंचे तो उनके स्वागत सम्मान के लिए बच्चों और अफसरों की कतार लगी रही। स्वयं कलेक्टर जन्मेजय महोबे भी उनके स्वागत में पहुंचे।यहां स्कूल में उन्होंने बच्चों के साथ करीब 1 घंटा बिताया और बच्चों ने भी उनसे कई सवाल भी पूछे। उन्होंने बच्चों को लक्ष्य तय कर मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उनकी पत्नी श्रीमती सुजाता भी साथ में थी ।इस दौरान डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा सहित स्कूल के प्राचार्य आरके वर्मा सहित अन्य शिक्षक गण भी मौजूद रहे।

अपने प्राइमरी स्कूल स्थल में वक्त बिताने के बाद वे आमापारा के अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि वे कुछ काम से रायपुर आए थे। वर्तमान में भाटापारा रायपुर में भी उनका परिवार रहता है। तो वहीं उनकी पोस्टिंग दिल्ली में है। अभी रायपुर आए थे तो सोचा कि क्यों न यादें ताजा करने के लिए वहां पहुंचे जहां मैं पढ़ा हूं। फिर उन्होंने बालोद कलेक्टर से संपर्क किया और आने की जानकारी दी। आमापारा के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भी बच्चों को उन्होंने संबोधित किया व उन्हें बेहतर पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया वही यहां के स्कूल व्यवस्था को देखकर वे काफी खुश हुए।

पढ़िए उनकी शख्सियत

डॉ. सुधीर कामत, ओएस एवं महानिदेशक – सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एवं संगणन प्रणाली (एमईडी एवं सीओएस), ओएस/एससी ‘एच’ महानिदेशक – माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस कम्प्युटेशनल सिस्टम्स एंड साइबर सिस्टम्स (एमईडी एंड सीओएस) हैं। शानदार वैज्ञानिक, डॉ. सुधीर कामत ने 01 नवंबर 2018 से प्रभावी होते हुए माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस कम्प्युटेशनल सिस्टम्स एंड साइबर सिस्टम्स (एमईडी एंड सीओएस) के महानिदेशक का कार्यभार संभाला। उन्हें इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, बनारस हिंदू विश्विद्यालय, वाराणसी से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एम.टेक और पीएच.डी की डिग्री प्राप्त है। सितंबर 1985 में डॉ. कामत एमटीआरडीसी, डीआरडीओ, बेंगलुरु में शामिल हुए और 01 जुलाई 2015 को एमटीआरडीसी के निदेशक का कार्यभार संभाला। वहां उन्होंने परियोजना प्रबंधक, समूह प्रमुख, मंडल प्रमुख व परियोजना निदेशक के रूप में विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाला और माइक्रोवेव ट्यूब्स के विकास के लिए असंख्य परियोजनाओं और प्रौद्योगिकियों में योगदान दिया। वे रक्षा प्रणालियों के लिए विभिन्न किस्मों की हेलिक्स और कपल्ड कैविटी टीडब्लूटी के डिज़ाइन और विकास में शामिल रहे हैं। परियोजना निदेशक के रूप में, उन्होंने माइक्रोवेव पॉवर मॉड्युल्स (एमपीएम) और राडार, ईडब्लू, और संचार प्रणालियों के लिए एमपीएम आधारित ट्रांसमिटर्स का विकास करने के लिए टीम का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया। इनमें से अनेक एमपीएम का नियमित उत्पादन किया जा रहा है। उन्हें वर्ष 2003 और 2013 में आत्मनिर्भरता के लिए डीआरडीओ अग्नि पुरस्कार प्राप्त हुआ। माइक्रोवेव ट्यूब्स के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 2009 में डीआरडीओ साइंटिस्ट ऑफ़ द ईयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। उन्होंने राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं व सम्मेलनों में 25 से भी अधिक पत्रों का लेखन/सह-लेखन किया है।वे वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस एंड एप्लीकेशंस सोसाइटी (वीईडीएएस) के भूतपूर्व अध्यक्ष हैं, आईईईई के वरिष्ठ सदस्य हैं, इंस्टिट्यूशन ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजिनियर (आईईटीई) के फेलो हैं, वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस एंड एप्लीकेशंस सोसाइटी (वीईडीएएस) के फेलो हैं, मैग्नेटिक सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (एमएसआई) और सोसाइटी ऑफ़ ई एमसी इंजीनियर्स इंडिया के सदस्य हैं।

By dailybalodnewseditor

2007 से पत्रकारिता में कार्यरत,,,,,कुछ नया करने का जुनून, कॉपी पेस्ट से दूर,,,

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