बालोद। चाइल्ड लाइन 1098 बालोद द्वारा पांडे पारा में ओपन हाउस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महिला-पुरुष व बच्चे शामिल हुए। जिसमें टोटल राष्ट्रीय आपातकालीन मुक्त फोन सेवा 1098 और कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही मास्क ही एक उपाय है, कोरोना से बचने की जानकारी दी गई। बच्चों के साथ होने वाली यौन अपराधों के बढ़ते दुर्घटनाओं को देखते हुए बालक एवं बालिकाओं को सही स्पर्श, गलत स्पर्श के पहचानने व विरोध करने के प्रति जानकारी दी गई। कार्यक्रम में वार्ड चार व पांच के पार्षद, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बालोद के समन्वयक सीमा द्विवेदी, काउंसलर भामिनी साहू, टीम मेंबर मोहित, गौतम कुमार, गिरधारी साहू, विवेक, प्रतिमा, सपना रामटेके मौजूद रहे।
बालोद चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा 22 जुलाई से है जारी
जिले के कोऑर्डिनेटर सीमा द्विवेदी ने बताया कि बालोद में यह संस्था 22 जुलाई 2020 से स्थापित किया गया है। चाइल्डलाइन 24 घंटे चलने वाली निशुल्क राष्ट्रीय सेवा योजना है। जब आप चाइल्ड लाइन को अपनी सेवाएं लेना चाह रहे हैं तो जरूर 1098 डायल कर सकते हैं। ऐसे बच्चे जिनको देखभाल एवं संरक्षण की जरूरत होती है उनके लिए 1098 की सेवा बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा है। यह एक गैर सरकारी संगठन है जो चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन द्वारा संचालित की जाती है। यह एक दूरभाष सहायता सेवा है। बच्चों के हितों की रक्षा के लिए सातों दिन, 24 घंटे चलने वाली भारत की पहली निशुल्क सेवा है। यह अनाथ और निराश्रित तथा स्कूल ना जा सकने वाले गरीबों की सहायता करती है। शून्य से 18 साल के बच्चे जिन्होंने अपराध नहीं किया हो ऐसे बच्चों के लिए यह काम करती है। अपराधिक मामलों में यह संस्था विधि से संघर्षरत बच्चों को विधिक सहायता भी प्रदान करती है। यह पूरे भारतवर्ष में 570 से अधिक सेवा में काम कर रहा है। अगर किसी बच्चे को मदद की आवश्यकता हो तो यात्रा के समय को छोड़कर आधे घंटे के अंदर उनकी टीम को सुरक्षा मुहैया करा कर उनको चाइल्डलाइन ले जाकर उनका काउंसलिंग कर के बच्चे के भविष्य के लिए उचित वैधानिक निर्णय लेती है। यह संस्था बच्चों के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाती है। अगर कोई बच्चा बीमार हो, अकेला हो, किसी को आश्रय की जरूरत हो, कोई बच्चा छोड़ दिया गया हो या गुम हो गया हो, किसी बच्चे के साथ मारपीट हो रही हो, तो ऐसी स्थिति में भी टीम आगे आकर पहल करती है।