ऑनलाइन टोकन नहीं कट पा रहा, समितियों में सन्नाटा, किसान काट रहे चॉइस सेंटर के चक्कर, सर्वर डाउन
बालोद/गुरुर । समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो चुकी है लेकिन इसके साथ दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। किसानों को टोकन कटवाने में समस्या आ रही है। सर्वर डाउन होने से ऑनलाइन टोकन नहीं कट रहा है। पूरे छत्तीसगढ़ से किसान ऑनलाइन टोकन कटवा रहे हैं। इससे सर्वर डाउन की समस्या आ रही है। शासन प्रशासन से किसानों द्वारा मांग की जा रही की ऑनलाइन टोकन कटवाने की व्यवस्था में सुधार किया जाए। ऑफलाइन टोकन कटवाने की व्यवस्था अभी शासन द्वारा नहीं की जा रही है ।जिससे किसान परेशान हो रहे हैं ।खरीदी शुरू होने के पूर्व कर्मचारी भी हड़ताल में रहे ।इससे भी व्यवस्था बनाने में प्रभाव पड़ा। किसान परेशान हो रहे हैं। ऑफलाइन टोकन काटने के लिए जगह ही नहीं बचा। पहले मुनादी सिस्टम भी ठीक था। लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है। 60% अगर ऑनलाइन काटा जाए और 40% ऑफलाइन टोकन हो तो किसानों को सुविधा होती है। लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है। किसान जो कम पढ़े लिखे है उन्हें भी ऑनलाइन टोकन कटवाने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इससे किसान हलकान हो रहे हैं ।महिला किसानों को भी इसमें खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही है। टोकन कटवाने के लिए अशिक्षित अंगूठा छाप बेवा महिलाएं भटक रही हैं ।किसानों के पास मोबाइल तो है लेकिन कैसे टोकन काटने है यह पता नहीं है। कई पढ़े लिखे लोग भी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। ठेकवाडीह के किसान रामदास साहू ने बताया की वे स्वयं भी टोकन नहीं कटवा सके ।दूसरे के माध्यम से टोकन कटवाए हैं। मोतीराम साहू ने भी इसी तरह से अपनी दिक्कत बताई। धान कटाई हो चुका है। लेकिन बेचने में दिक्कत आ रही है। धान सुख रहे हैं। धान को चूहे नुकसान पहुंचा सकते हैं। 9 तारीख से टोकन कटवाने की व्यवस्था शुरू की थी। 9 से 25 नवंबर तक टोकन कटवाने की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है। 26 और 27 को 2 दिन और सर्वर खोला गया। अब तीन दिसंबर तक की स्थिति में टोकन कट रहा है। गुरुर समिति प्रबंधक संतराम ने कहा कि वर्तमान में सर्वर डाउन होने से टोकन किसान नहीं कटवा पा रहे हैं । सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे तक ही सरवर खुलता है बाकी समय नहीं खुलता और खरीदी बंद हो जाती है। खरीदी समय के दौरान ही टोकन कटवा सकते हैं। किसान चक्कर काट रहे हैं। किसान मोबाइल से टोकन कटवाने का प्रयास कर रहें पर ऐसा हो नहीं पा रहा है कई तरह की दिक्कत हो रही है। जिनके पास मोबाइल नहीं है वह चॉइस सेंटर के चक्कर काट रहे। जिनके पास स्क्रीन टच मोबाइल है वह प्रयास कर रहे हैं लेकिन तकनीकी समस्या से भी किसान जूझ रहे हैं और सर्वर डाउन होने से टोकन ही नहीं कटवा पा रहे हैं। शासन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसान मोबाइल पकड़ कर बैठे हैं पर सर्वर डाउन होने से टोकन नहीं कटवा पा रहे हैं। जिसके चलते सोसाइटी में सन्नाटा भी देखने को मिल रहा है। गुरुर की बात करें तो प्रतिदिन 2000 कट्टा ही धान खरीदी कर सकते हैं। इससे भी आवक कम हो गई है। ऊपर से समिति की क्षमता के आधार पर आवक सीमा न्यूनतम तय कर दी गई है। हालांकि अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है की समय पर धान खरीदी पूरी हो जाएगी । गुरुर समिति से मिली जानकारी के अनुसार यहां वर्तमान में 3153 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। वहीं उपलब्ध बारदानों की संख्या 7883 है। इसमें पीडीएस से 3941 और नए बारदाने 3942 हैं। अभी धान का परिवहन शुरू नहीं हो पाया है ।ना मिलर को धान संग्रहण केंद्रों में।