पलारी वासियों की ऐसी भी है एक मांग नगर पंचायत बनाने पर जताई आपत्ति: बालोद से अलग कर धमतरी जिले में शामिल करने की जिद , नगर नहीं पंचायत में ही खुश हैं ग्रामीण,,,,
बालोद। पिछले दिनों जहां राज्य सरकार बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पलारी को नगर पंचायत बनाने की तैयारी कर रही थी। इसके लिए 21 अक्टूबर को अधिसूचना का प्रकाशन किया गया था। जिसमें 21 दिनों के भीतर स्थानीय प्राधिकारी या कोई भी व्यक्ति द्वारा आपत्ति या सुझाव कलेक्टर बालोद कार्यालय को मंगाया गया था। जिसके तहत पलारी के कई ग्रामीणों द्वारा लिखित आवेदन देकर इसमें आपत्ति दर्ज कराई गई है। पर दिलचस्प बात यह है कि ग्रामवासी, पलारी को नगर पंचायत नहीं बनाना चाह रहे हैं। बल्कि उसे पंचायत ही रहने देने मांग कर रहे हैं। उससे बड़ी बात यह सामने आई है कि उनका मोह अब बालोद जिले के साथ गुरुर ब्लॉक से भी भंग हो चुका है। दरअसल में यह गांव धमतरी जिला मुख्यालय से लगा हुआ है तो वे अपने गांव को बालोद से अलग करके धमतरी जिले में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। और इसके लिए बाकायदा मांग पूरी न होने की स्थिति में आंदोलन के लिए बाध्य होने की चेतावनी भी दिए हैं।
इन लोगों ने जताई है लिखित आपत्ति
ग्रामीण लोकनाथ साहू, शिवचरण, देवेंद्र कुमार, किसुन राम, सदा राम, पुरु साहू, कनक बाई , सुकालु, परसु, सोनहा,सुकमा, मेनका साहू, बुधारू राम, कौशल, मालती, हरिलाल, गणेश, मन्नूलाल, कुलेश्वर, मन्नू साहू, बेदराम, पुराणिक साहू सहित सैकड़ो ग्रामीणों ने लिखित आपत्ति दर्ज कराते हुए मांग की है कि पलारी को नगर पंचायत गठित करने के बजाय सुविधा अनुरूप ग्राम वासियों के हित में ग्राम पंचायत पलारी को धमतरी जिला में संयोजित किया जाए। अन्यथा बाध्य होकर ग्राम पंचायत पलारीवासी अपनी मांग को लेकर अपना प्रतिकार करेंगे। चार बिंदुओं में ग्रामीणों द्वारा अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा गया कि क्यों इस गांव को नगर पंचायत नहीं बनाया जाना चाहिए।
यह कारण बताया है ग्रामीणों ने
नगर पंचायत ना बनाने के पीछे चार प्रमुख बिंदुओं के जरिए ग्रामीणों द्वारा पलारी को नगर पंचायत बनाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है। जिसमें कहा गया है कि जब से पलारी को नगर पंचायत बनाने के लिए प्रतिवेदन की अनुशंसा की गई है तब से ग्रामीणों के बीच भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया है और इसका पुरजोर आपत्ति किया जा रहा है। पलारी में मूल रूप से निवासी ग्राम वासियों की संख्या 4000 से 4500 की है। इसमें से बहुत से ग्रामवासी रोजगार की तलाश में पलारी से पलायन कर चुके हैं। पलारी की वास्तविक जनसंख्या के आधार पर इसकी सघनता 200 से 225 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। इस प्रकार सघनता काफी विरल है। ग्राम पंचायत पलारी में नगर पंचायत के गठन पर अपेक्षित व्यावसायिक परिसर, सामुदायिक भवन, खेलकूद मैदान एवं हॉट बाजार के विकास हेतु शासकीय भूमि निरंक है। पंचायत पलारी कृषक, कृषि मजदूर एवं दिहाड़ी मजदूरों का गांव है। जिनकी आय का मुख्य स्रोत कृषि मजदूरी एवं दिहाड़ी मजदूरी ही है। ऐसी स्थिति में ग्राम वासियों पर अनावश्यक जहां एक ओर मनरेगा में आयोजित रोजगार चला जाएगा। वहीं दूसरी ओर उन पर नगर पंचायत कर एवं समेकित कर के नाम पर अनावश्यक कर का बोझ आन पड़ेगा।
ब्लॉक और जिला मुख्यालय से दूरी है अधिक
ग्रामीणों ने बताया पलारी की दूरी जिला मुख्यालय बालोद से 45 किलोमीटर दूर है। जबकि ग्राम पंचायत पलारी का संपूर्ण कार्य क्षेत्र, ग्राम पंचायत से मात्र 14 किलोमीटर दूर धमतरी से होता है। ग्राम पंचायत पलारी वासियों का तहसील गुरुर भी धमतरी से अधिक 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिससे वह बालोद जिले के अंतिम छोर पर है। चूंकि ग्राम पंचायत पलारी वासियों का संपूर्ण कार्य क्षेत्र जैसे रोजगार, खरीदी बिक्री, चिकित्सा एवं जीवन उपयोगी प्रत्येक कार्य क्षेत्र का क्षेत्र धमतरी है । अतः ग्राम पंचायत पलारी को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने का बजाय उन्हें धमतरी जिला जैसा कि समीप ग्राम आमदी धमतरी जिला का अंग है, उसी अनुसार संयोजित किया जाना ज्यादा उचित होगा। किन्हीं भी परिस्थितियों में बालोद जिला के गुरुर तहसील स्थित ग्राम पंचायत पलारी को नगर पंचायत के रूप में गठित किया जाना व्यावहारिक नहीं होगा। इससे न सिर्फ ग्रामवासियों की परेशानी बढ़ेगी। अपितु उन्हें सामान्य जीवन जीने में भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए ग्रामीण पलारी को नगर पंचायत बनाने का विरोध कर रहें है। तो अपने गांव को धमतरी जिले में शामिल करने की मांग भी कर रहे हैं।