ऐसी भी होती है ठगी: रेत खदान का सप्लायर बताकर 4 लाख 50 हजार की धोखाधडी, रौना निवासी रेखलाल गिरफ्तार, एक आरोपी फरार
बालोद। पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार जोशी एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गुण्डरदेही गीता वाधवानी के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी अर्जुन्दा टीम द्वारा मुखबीर की सूचना पर टीम गठित कर थाना अर्जुन्दा के अप0क्र0 162/2024 धारा 420, 34 भादवि0 के आरोपी रेखलाल कुम्भकार को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल। अन्य फरार आरोपी कलीराम पारकर का पता तलाश जारी है। मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है, प्रार्थी कमल किशोर सिन्हा पिता डोमार सिंह सिन्हा आयु 28 वर्ष ग्राम नवागांव (डुडेरा) थाना अर्जुन्दा जिला बालोद (छ.ग.) थाना हाजिर आकर एक लिखित आवेदन पेश किया कि ग्राम रौना निवासी रेखलाल प्रजापति पिता श्री हेमलाल उम्र 35 वर्ष व ग्राम चीचलगोंदी निवासी कलीराम पारकर पिता श्री जगन्नाथ पारकर आयु 45 वर्ष ये दोनो व्यक्ति प्रार्थी को चारामा में अपने आप को रेत खदान व नेवारीकला (बालोद) में रेत खदान होने की जानकारी देकर प्रार्थी से मटेरियल सप्लायर का नया कार्य करने के लिए बरसात के दिनों के लिए रेत मिटटी का स्टाक देने के लिए डम्पर गाड़ी में रेत सप्लाई के नाम से 1 लाख 10 हजार नगदी कलीराम को दिया है व 3 लाख 20 हजार रूपये रेखलाल को फोन पे किया है। कुल 4 लाख 50 हजार रूपये कलीराम पारकर व उनके सहयोगी रेखलाल दोनो पार्टनर बताकर प्रार्थी से राशि लिया है कि रिपोर्ट पर अपराध धारा सदर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान जरिये मुखबीर की सूचना पर आरोपी रेखलाल कुम्भकार को हिरासत में लेकर पुछताछ कर मेमोरेण्डम कथन लिया गया जिन्होने जुर्म स्वीकार कर बताये कि कलीराम पारकर साकिन चीचलगोंदी के साथ मिलकर ग्राम नवागांव के कमल किशोर सिन्हा को कम दाम में रेत दिलाने का सांझा देकर नगद व फोन पे के माध्यम से कुल 04 लाख 50 हजार रूपये धोखाधडी किये है। प्रकरण में घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन, बैंक पासबुक व एटीएम कार्ड को जप्त कर आरोपी के विरूद्ध अपराध धारा सबुत पाये जाने से दिनांक 07.09.24 को समक्ष गवाहों के विधिवत् गिरफ्तार किया गया। मामला अजमानतीय होने से गिरफ्तारी की सूचना परिजनो को देकर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।उक्त् कार्यवाही में थाना प्रभारी उप निरी0 मनीष शेन्डे , सउनि विश्वजीत मेश्राम, प्र0आर0 535 विरेन्द्र साहु, आर0 178 दमन वर्मा, का महत्तवपूर्ण योगदान रहा।