बालोद। मधुर साहित्य परिषद् जिला बालोद द्वारा 23वॉं वार्षिकोत्सव पर मधुर साहित्य सम्मान, मधुर साहित्य पत्रकारिता गौरव सम्मान, अगासदिया प्रेमचंद सम्मान, पुस्तक विमोचन एवं साहित्यिक संगोष्ठी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर डौंडी लोहारा में 28जुलाई की दोपहर 12 बजे से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध लेखक डॉ.परदेशी राम वर्मा रहे। अध्यक्षता संस्था प्रमुख एवं छत्तीसगढ़ राजभाषा जिला समन्वयक डॉ.अशोक आकाश द्वारा किया गया। बी.एल.ठाकुर लोक सेवा आयोग पूर्व अध्यक्ष एवं जी.आर.राणा अनुसुचित जनजाति आयोग पूर्व अध्यक्ष, सुप्रसिद्ध गीतकार गिरवर सिंह मानिकपुरी, सुप्रसिद्ध लेखक बद्री प्रसाद पारकर एवं डुमन लाल ध्रुव विशिष्ट अतिथि रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ हर्षा देवॉंगन की सुमधुर सरस्वती वंदना से किया गया। अतिथि स्वागत पश्चात डॉ.अशोक आकाश द्वारा सम्पादित साझा साहित्यिक पत्रिका अनहद का विमोचन विमोचन किया गया। विमोचन की कड़ी में देवनारायण नगरिहा की नारी विमर्श पर आधारित काव्य संकलन फिर बोल उठी, संतराम सलामे रचित सुमधुर काव्य संकलन निर्झर, सुरता एवं यथार्थ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया । पुस्तक विमोचन पश्चात पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य से बालोद अंचल को गौरवान्वित करने वाले नीरज उपाध्याय वरिष्ठ पत्रकार रायपुर मूल निवास बालोद को मधुर साहित्य पत्रकारिता गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। सुप्रसिद्ध लेखक बद्री प्रसाद पारकर को अगासदिया प्रेमचंद सम्मान से सम्मानित किया गया । खोजी एवं निर्भीक पत्रकारिता हेतु पत्रकार शैलेश कुमार ओटवानी, पवन देवॉंगन एवं धीरज टॉंक सम्मानित किये गये। देवनारायण नगरिहा एवं संतराम सलामे को श्रेष्ठ साहित्य सृजन हेतु सम्मानित किये गये। विचार गोष्ठी का विषय छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी विषय पर डॉ.इकबाल खान तन्हा एवं देव जोशी गुलाब सम्मानित हुए।
अतिथि उद्बोधन के क्रम में विशिष्ट अतिथि अनुसुचित जन जाति आयोग पूर्व अध्यक्ष जी.आर.राणा ने कहा हमारी छवि बेदाग हो, हमें ऐसा कार्य करना चाहिए। पूर्व कलेक्टर एवं लोक सेवा आयोग अध्यक्ष बी.एल.ठाकुर ने कहा हम किसान हैं तो कुशल किसान बनें,शिक्षक हैं तो सर्वश्रेष्ठ शिक्षक बनें, विद्यार्थी हैं तो आदर्श विद्यार्थी और लेखक हैं तो वो मिशाल कायम करें कि दुनिया में नाम हो, हम जिस क्षेत्र में कार्यरत हैं हमें पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग जिला समन्वयक डॉ.अशोक आकाश ने कहा साहित्यकार मानवीय संवेदनाओं का संवाहक होता है। अपनी लेखनी से समाज में हो रहे बदलाव के प्रति आगाह करते लेखक सदैव जागरुक रहता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.परदेशी राम वर्मा ने कहा लेखन ऐसा हो कि आपकी लेखन से किसी का भला हो सके।लेखन से कभी किसी लेखक का भला नहीं हुआ। जब कोई कलेक्टर अपनी जिंदगी पर लिखता है तब उसकी जिंदगी पर लिखी किताब पढ़कर हजारों लोग कलेक्टर हो सकते हैं, ये है लेखन का प्रभाव।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन में मणि शंकर दिवाकर, सुषमा शुक्ला, रोहिणी पटेल, डॉ.रीना कोमरे, डॉ इकबाल खान तन्हा, जसवंत मांडवी, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा, जितेंद्र कुमार पटेल, पुष्कर सिंह राज, डॉ.एस.एल.गंधर्व, संत दिनेंद्र दास, सेवंत देशमुख, गुमान सिंह साहू, विमल किशोर, पितांबर साहू, बुटू राम पूर्णे अजय कुमार चौहान, पंकज देशमुख, लोकेश्वर सिंह निषाद, लालेश्वर साहू अरुणाभ, उदय सिंह कोलियारे, कन्हैयालाल बारले , शमीम अहमद सिद्दीकी, आचार्य जी.आर.महिलांगे, घनश्याम पारकर, संतोष ठाकुर, उमाशंकर साहू, धर्मेन्द्र कुमार श्रवण,कामता प्रसाद देश लहरा धर्मेंद्र श्रवण लूणकरण ठाकुर, देव जोशी गुलाब श्रीमती हर्षा देवांगन ने काव्य पाठ किया । प्रवीण्य सूची में स्थान रखने वाले छात्रों का सम्मान के साथ डॉ.अशोक आकाश के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।
कार्यक्रम में चंद्रमुखी गायकवाड़, पुष्पबाई रावटे,पद्मा देवी गायकवाड, सोमेश्वरी सोनी, नेहा ठाकुर, दीपिका, करिश्मा प्रसाद, मधु, भावना, गीतांजलि निषाद, निकुंज साहू, नीतीश कुमार,प्रियांशु पिस्ता दिलीप बाफना सहित साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।