कमरौद पहुंची कांवड़ यात्रा, हजारों लोग हुए यात्रा में शामिल, पाटेश्वर धाम के बालकदास के साथ कातरो की कुंवारी माता भी पहुंची, माता की एक झलक पाने बेकाबू होती रही भीड़, देखिए खबर
फोटो :संतोष साहू, वीडियो: मुकेश सेन, बालोद । सावन माह के रविवार 28 जुलाई को शिव भक्तों के द्वारा महादेव के जयकारे के साथ कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया था। इस ऐतिहासिक कावड़ यात्रा का समापन भूमिफोड़ दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में हुआ। जहां पर चारों दिशाओं के श्रद्धालु जल लेकर शिव को अर्पित करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान सबसे ज्यादा लोगों की भीड़ कातरो की कुंवारी माता को देखने के लिए जुटी रही। जैसे ही माता का आगमन चार पहिया के जरिए मंदिर के सामने हुआ। लोग उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब से होने लगे। उन्हें चारों ओर से लोगों द्वारा घेर लिया गया। बड़ी मुश्किल के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें सुरक्षा घेरा बनाते हुए मंदिर में दाखिल किया गया। जहां उन्होंने दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद वे मुख्य मंच तक पहुंची और कुछ देर दर्शन दी । इसके उपरांत पाटेश्वर धाम के संत बालक दास के आगमन के बाद पुनः उनका मंच पर आगमन हुआ और दोनों ने श्रद्धालुओं को दर्शन दिया। भीड़ काफी ज्यादा थी। जिससे यातायात व्यवस्था भी बिगड़ी नजर आ रही थी ।तो वही माता की झलक पाने के लिए भीड़ बार-बार बेकाबू होती रही । जगह छोटा पड़ गया था। बारिश के चलते भी लोगों को परेशानी हुई। सुबह 7 बजे से कावड़ यात्रा निकलनी थी लेकिन बारिश के कारण देरी हुई और आयोजन शाम के 5 बजे तक संपन्न हुआ। कमरौद स्कूल परिसर में भंडारा का भी आयोजन किया गया था। दूर-दूर से कावड़िए पैदल पहुंचे थे। अलग-अलग डीजे पर युवाओं ने जमकर भोले के भक्ति गीतों पर डांस किया। महिलाओं और युवतियों की भीड़ ज्यादा देखने को मिली। लोग माता की एक झलक देखने, तस्वीर और वीडियो मोबाइल के कैमरे में कैद करने के लिए डटे रहे। वही गुण्डरदेही पुलिस, अर्जुंदा पुलिस और बालोद से यातायात की टीम व्यवस्था संभालने में जुटी रही।
कांवड़ यात्रा तीन अलग अलग स्थानों से निकली थी। पहली यात्रा मटिया व टिकरी से आई। जो कारगील चैंक अर्जुन्दा, परसतराई, परना, कुरदी, चौरैल कमरौद भूमि फोड़ हनुमान मंदिर पहुंची। वहीं दूसरी यात्रा खुटेरी, कोड़ेवा, धनगांव, चौरेल और तीसरी कांवड़ यात्रा अरौद से निकलकर लाटाबोड़, देवी नवागांव, जगन्नाथपुर, सांकरा होते हुए कमरौद पहुंची।
कुंवारी माता व रामबालक दास हुए विशेष रूप से शामिल
कांवड़ यात्रा के आयोजन में शिव भक्तों ने दुर्ग जिले के कातरो की रहने वाली कुुंवारी माता और जामड़ी पाट पाटेश्वर धाम के सन्यासी रामबालक दास को न्यौता दिया था। जो इस कांवड़ यात्रा में विशेष रूप से शामिल हुए।
भगवान के वेशभूषा में पहुंचे डूंडेरा के कलाकार
कांवड़ यात्रा में शिव जी की बारात के रूप में झांकी निकाली गई। झांकी में शंकर व पार्वती के साथ ही भूत प्रेत सहित अन्य झांकियां थी जो यात्रा में आकर्षण का केन्द्र रही। डूंडेरा के कलाकार भी भगवान की वेशभूषा में पहुंचे थे।
संगीत व महाभंडारे का भी हुआ आयोजन
महादेव की आरती और जलाभिषेक के बाद महा भंडारे का आयोजन किया गया। एक ओर भंडारा चलता रहा तो वहीं दूसरी ओर संगीत का भी आयोजन किया गया था। जिसमें शिव शंकर के गीत और भजन ने भक्तों को मंत्रमुग्ध किया लोग जमकर थिरके।
रुद्राक्ष का भी हुआ वितरण
भगवान शिव की उपासना को समर्पित पवित्र श्रावण मास पर कांवड़ यात्रा के पश्चात ग्यारह हजार रुद्राक्ष का वितरण भी हुआ। आयोजन में प्रमुख आयोजको में संदीप साहू, वामन साहू सहित अन्य के अलावा जगन्नाथपुर क्षेत्र से भाजपा के जिला अध्यक्ष पवन साहू, मंडल अध्यक्ष प्रेम साहू, जगन्नाथपुर सरपंच अरुण साहू, दानेश्वर मिश्रा सहित अन्य भी शामिल हुए।