गौरव ग्राम पिरीद के प्राइमरी स्कूल गया गर्त में: बारिश में बदहाली से बच्चों की पढ़ाई ठप! देखिए वीडियो में हकीकत,,,,

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बालोद। बालोद जिले के गुण्डरदेही ब्लॉक के ग्राम पिरीद जिसे गौरव ग्राम का दर्जा भी प्राप्त है, यहां का प्राइमरी स्कूल इन दिनों मानो स्विमिंग पूल बन गया है। स्कूल के सभी कमरों में लगभग 1 फीट तक पानी भरा हुआ है। जिससे बच्चों की पढ़ाई तो ठप है ही, शिक्षकों का बैठना भी यहां मुश्किल हो रहा है। कई साल से स्थानीय ग्रामीण, शाला प्रबंधन समिति यहां के लिए नए भवन की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब स्थिति यह है कि लगातार बारिश से बस्ती का पानी यहां आकर भरता है और निकासी व्यवस्था नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई ठप हो जाती है। लगातार दो-तीन दिन से यही स्थिति है। बच्चे और शिक्षक दोनों ही मौसम खुलने और पानी सूखने का इंतजार कर रहे हैं।

65 साल पुराना है यह स्कूल भवन

शाला प्रबंधन समिति से जुड़े रमेश साहू ने बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला भवन पिरिद ,जो की 1959 से संचालित है। वर्तमान में गली रोड के सीमेंट करण, सांस्कृतिक कला मंच के पास सीसी रोड निर्माण के कारण बरसात का पूरा पानी शाला परिसर से होते हुए बहता है। पुराना भवन जो की 65 वर्ष पुराना है पानी से भर जाता है। जिससे पूरा विद्यालय जलमग्न हो जाता है। विद्यालय का क्षेत्रफल भी काफी कम है और रोड से काफी नीचे है। इसलिए यहां पानी निकासी शीघ्र से नहीं हो पाता और कई दिनों तक पानी जमा रहता है । जिसके कारण बच्चों को बरसात में पढ़ाई में बहुत दिक्कत हो रही है। शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित है।

शासन प्रशासन से नए भवन के लिए कई बार कर चुके मांग

शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष विनोद साहू राम सिंह साहू, लादू मंडावी ,प्रमोद मंडावी, अजय निर्मलकर, कार्तिक देशमुख, नरोत्तम देशमुख, सालिकराम सहित कई पालकों ने बताया कि शासन प्रशासन से कई बार नए भवन और दूसरी जगह जहां पर्याप्त जगह हो ऐसी जगह पर भवन बनाने की मांग की जा रही है लेकिन किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वर्तमान विद्यालय भवन काफी पुराना और जीर्ण शीर्ण हो चुका है। बरसात में कभी भी छप्पर गिरने का डर रहता है।

खपरैल वाला है स्कूल भवन, सांप बिच्छू का भी रहता है डर

यहां आज भी खपरैल वाला स्कूल नजर आता है। जबकि शासन का स्पष्ट आदेश है कि ऐसे स्कूलों में बच्चों को ना बैठाया जाए। लेकिन यहां के स्कूल में बच्चों को खपरैल वाले स्कूल और वह भी जर्जर स्थिति में बैठने की मजबूरी है। जगह के अभाव में सिर्फ दो कमरे में ही कक्षाएं संचालित हो रही है। 56 बच्चे यहां पढ़ाई करते हैं। बारिश ज्यादा होने पर रसोई कक्ष में भी पानी प्रवेश कर जाता है। जिससे मध्यान भोजन भी प्रभावित होता है। जल भराव से हानिकारक कीड़े मकोड़े भी प्रवेश करते हैं जिससे बच्चों को खतरा रहता है। कई बार बरसात के बीच यहां सांप भी निकलते लोगों ने देखा है। बच्चे डरे सहमे से रहते हैं।

इसलिए प्राप्त है गौरव ग्राम का दर्जा

पिरीद को गौरव ग्राम का दर्जा दिए जाने के पीछे स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय दाऊ ढाल सिंह दिल्लीवार का योगदान है। वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। गांव में उनकी आदमकद प्रतिमा भी 2022 में लोकार्पित की गई है। श्री दिल्लीवार मध्य प्रदेश के शासनकाल में दुर्ग जिला के विधायक भी थे। उनके विधायक रहते हुए क्षेत्र में उनकी अलग पहचान थी। उनकी प्राथमिक शिक्षा पिरिद में ही हुई है।

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