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जहां जल का स्थाई स्रोत हो वही शिव का निवास और उसी को तीर्थ कहते हैं: संत रामबालक दास

बालोद। 19 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक श्री पाटेश्वरधाम में आयोजित एक महीने की शिवपुराण कथा में आज तीर्थों की महिमा बताते हुए छत्तीसगढ़ के प्रखर संत राम बालक दास जी ने कथा के सातवें दिवस में बताया कि श्री सूत जी महाराज शिवपुराण के रुद्र संहिता में कहते हैं जिस जलाशय नदी या सरोवर झील काजल सदा स्थिर रहता हो गर्मी के दिनों में भी ना सूखता हो उस स्थान में शिव का निवास हो जाता है और जहां स्थाई जल शिव का निवास हो उसी स्थान को तीर्थ की मान्यता मिलती है जैसे जहां पर अखंड अग्नि का वास हो और उसकी पूजा हो तो वहां शक्ति की स्थापना हो जाती है संत श्री ने बताया कि श्री पाटेश्वर धाम में स्थित नर्मदा कुंड हजारों वर्षों से कभी सूखा नहीं है इसमें सदा जल रहता है इसलिए इस स्थान को पाटेश्वर धाम कहा जाता है साथ ही 1975 से यहां अखंड धूनी जल गई है जिसकी अग्नि कभी बुझती नहीं है इसलिए इसे शक्तिपीठ भी कहा जाता है शिव पुराण में कहा गया है कि सावन माह में यदि ऐसे तीर्थ में जाकर रूद्र भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाए तो वह अभीष्ट फल को प्रदान करने वाला होता है प्रदेशवासियों को पुरुषोत्तम माह में श्री जामडी पाटेश्वर धाम आने का भी संत श्री राम बालक दास जी ने न्योता दिया ,,
वही आज सुबह 9:00 से 10:00 के ऑनलाइन सत्संग में हजारों भक्तों ने घर बैठे श्रीमद् भागवत कथा का भी श्रवण किया संत राम बालक दास जी ने आज भागवत कथा में बताया कि , युद्ध किसी समस्या का हल नहीं होता पर परिवर्तन युद्ध से ही संभव होता है यही युग धर्म है,, इन सभी कार्यक्रम को पाटेश्वर धाम
के यूट्यूब चैनल
Rambalakdas
पर आप रोज शाम 6:00 से रात्रि 8:00 तक श्रवण कर सकते हैं ,,
ज्ञात हो कि पुरुषोत्तम माह के अवसर पर बालोद जिला के प्रसिद्ध तीर्थ श्री पटेश्वरधाम में अभी एक महीने का अनुष्ठान चल रहा है जिसके अंतर्गत सुबह 6 बजे से महारुद्राभिषेक , 9 बजे से 10 बजे ऑनलाइन भागवत कथा का प्रसारण , सुबह 11 बजे से 1 बजे तक रामचरित मानस पाठ एवम शाम 3 बजे से 6 बजे तक शिवमहापुराण की कथा हो रही है
कथा का वाचन स्वयं श्री राम बालक दास जी कर रहे है

By dailybalodnewseditor

2007 से पत्रकारिता में कार्यरत,,,,,कुछ नया करने का जुनून, कॉपी पेस्ट से दूर,,,

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