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पर्वतारोहण में इन्हें मिली पहचान : बालोद जिले के युवाओं ने हिमाचल प्रदेश के लेडी लेग एडवांस बेस कैम्प (3900 मीटर ) पर लहराया तिरंगा

बालोद। काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए, कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए,, इस वाक्य को चरितार्थ करते हुए बालोद के युवाओ ने इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के तत्वाधान मे आयोजित पर्वतारोहण कार्यक्रम माउंट फ्रेंडशिप पीक एक्सीपीडशन मे जिले के ग्राम पंचायत ख़ामतराई से रूपेश साहू पिता हेमंत साहू , लोकेश साहू पिता खेमलाल , डुड़िया से यशवंत टण्डन पिता हूबलाल टण्डन व मुड़खुसरा से रेवेन्द्र साहू पिता यादो राम ने प्रतिभाग लिया था तथा एडवान्स बेस कैम्प लेडी लेग( ऊंचाई – 3900 मीटर ) एक ही दिनों मे सफ़लता पूर्वक चढ़ाई कर , माँ भारती, छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारें के साथ राष्ट्र ध्वज तिरंगा लहराया। इस एक्सिपीडशन मे छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के प्रतिभागियों ने प्रतिभाग लिया था। जिसमें छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से नीतेश अगरवाल , खैरागढ़ से दीपक वर्मा, बिलासपुर से विशाल यादव, ललित कुमार ने अपने जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए एडवांस्ड बेस कैम्प तक सफ़लता पूर्वक चढ़ाई किया। यह मिशन इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इफराहीम अहमद के दिशानिर्देश में पूरा किया गया। ट्रेक लीडर के रूप में रोहित झा, सचिन सर, पूजा मैडम, अनिल सर, प्रमेश विजयवार सर का महत्वपूर्ण योगदान रहा l

फ्रेंडशिप पीक के आरोहण में खराब मौसम बनी बाधा

माउंट फ्रेंडशिप पीक हिमाचल प्रदेश में एक पर्वत शिखर है , जो पीर पंजाल रेंज के ब्यास कुंड क्षेत्र में स्थित है। यह समुद्र तल से 5287 मीटर (17353 फीट) की ऊंचाई पर स्थित पीर पंजाल और धौलाधार चोटियों के कठिन चढ़ाई और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। खराब मौसम, लगातर तेज बारिश, चोटी (पीक) मे हो रहे लगातर स्नो फॉल के वज़ह से पूरे टीम ने पीक सबमिट नहीं कर पाया बेस कैम्प से ही पूरे टीम को वापस लौटना पड़ा l

व्यास कुंड ट्रेक भी किया पूरा

माउंट फ्रेंडशिप पीक एडवांस बेस कैम्प सबमिट करने के साथ ही व्यास कुंड ट्रेक (ऊंचाई – 3700 मीटर) भी पूरा किया l व्यास कुंड पर पूजा अर्चन के साथ तिरंगा लहराया गया l ब्यास कुंड, जिसे एक पवित्र झील माना जाता है, कुल्लू घाटी में स्थित है और ब्यास नदी का मूल स्रोत है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान टिब्बा और सात बहनों की गोद में 3700 मीटर की ऊंचाई पर बसी इस झील के जल में ऋषि व्यास अपना दैनिक स्नान किया करते थे।

ये भी हैं इनकी उपलब्धियां

पर्वतारोहण के क्षेत्र मे रूपेश साहू, लोकेश साहू, यशवंत टण्डन, वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर है, साथ ही चाइना पीक(8622 फीट) , करकोटक ट्रेक(1290 मीटर) , केदारकांठा ट्रेक(12500 फीट) , जाखू टेंपल (9500 फीट) , छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरतलाटा (1225 मीटर ) की सफलता पूर्वक चढ़ाई की है ll

एक्सीपीडशन के लिए किया आर्थिक सहयोग

एक्सपीडिशन के लिए यशवंत टण्डन को प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के प्रदेशाध्यक्ष आर. पी. भतपहरी, एवं कुंवर सिंह निषाद विधायक गुण्डरदेही, बीरेंद्र देवांगन, श्रीमती डाॅ रश्मि सिंह प्राचार्य शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा, प्रशांत गुप्ता गुरूकुल अकादमी, भोज साहू, डॉ लीना साहू जिला संगठन रासेयो, साथी रिश्तेदारों ने मदद किया था।

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