वैदिक ऋचाओं के स्वर से गुंजा चिटौद प्राथमिक विद्यालय प्रांगण
गुरुर। जीवन के ताने-बाने में जिस तरह से शिक्षा की उपादेयता निरंतर हमें हर कदम पर, हर मोड़ पर और हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है ठीक उसी तरह से हर किसी के जीवन में संस्कृति रूपी आंतरिक चेतना का विकास और उसकी निरंतर मजबूती, हर पल दृढ़ता के साथ अपने जीवन धर्म के साथ मानव धर्म को निभाने के लिए प्रेरित करती रहती हैं |
एक नवोदित पीढ़ी को समाज की उत्कृष्ट सृजनशील, संवेदनशील, कल्याणकारी नागरिक बनाने के लिए
हमारे देश की प्राचीन गुरुकुल की भूमिका महत्वपूर्ण रही है | उन्हीं परंपरा को जीवंत बनाए रखे हुए आज शासकीय प्राथमिक विद्यालय चिटौद के प्रांगण में विद्यालय परिवार, प्रबंधन समिति, ग्राम पंचायत, ग्राम विकास समिति तथा समस्त ग्राम वासियों के संयुक्त तत्वाधान में गांव के आराध्य धरोहर श्री हनुमान जी के मंदिर में हवन-पूजन कार्यक्रम आयोजित की गई |
विद्यालय में हुआ शिक्षा और संस्कृति की सम्मेलन
संस्कृत मन्त्रों के साथ पं. सुरेंद्र तिवारी की पुरोहिती में गाँव के वरिष्ठ गणमान्य नागरिकों के मेजबानी में लगातार 2 घंटे तक वैदिक मंत्रों के गुंजन व स्वाहा की आहुतियों के संग विद्यालय का सम्पूर्ण वातावरण प्राचीन गुरुकुल आश्रम की वादियों की अनुभूति में नन्हे विद्यार्थियों की पल्लवित मष्तिष्क में सृजनात्मक चेतना के विकास बीजारोपण करती रही |
पूजन कार्य में गाँव के नागरिक लोकनाथ पटेल, गोकुल साहू के साथ विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष परमानंद साहू तथा शिक्षक ईश्वरी कुमार सिन्हा ने भारतीय वैदिक वेशभूषा में सहभागिता निभाई |
गाँव की समुचित विकास में शिक्षा के साथ संस्कार का जुड़ाव जरूरी है- सरपंच कुमारी साहू
आज के कार्यक्रम में समस्त ग्रामवासी व ग्राम पंचायत ने सक्रिय भूमिका निभाई | ग्राम की प्रथम नागरिक सरपंच श्रीमती कुमारी साहू सहित पूर्व सरपंच मोतीराम सिन्हा व रमेश प्रसाद जोगी, केशव पटेल, पंच सुकालू फुटान, मन्तानु ठाकुर, अमरीका साहू, रूपा गोयल, सीता निषाद,लिलेश्वरी साहू, विद्यालय प्रबंधन समिति से उपाध्यक्ष शकुन मानिकपुरी, सदस्यगण चित्ररेखा मेश्राम, दिव्या साहू, चमेली साहू, संतोष गंगराले, सरिता ढीमर, ग्रामीणों में लोकेश्वर साहू, राम्हिन साहू, दीपेश ध्रुव, विद्यालय परिवार में प्रधानपाठक मोहिनी चन्द्राकर, शुची साहू, लिकेश्वरी मार्कण्डेय, कविता सिन्हा व कक्षा पहली से पाँचवीं के 182 विद्यार्थियों की गौरवमयी उपस्थिति रही | इस दौरान सरपंच कुमारी साहू ने इस आयोजन के संदर्भ में आशीर्वचन स्वरूप अपने गाँव के उत्तरोत्तर विकास में इस विद्यालय की भूमिका को बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई देते हुए आध्यात्मिक जीवन मूल्यों के संस्कार नई पीढ़ी में रोपित करने का आह्वान किया |
कराओके संगीत में हुई हनुमान चालीसा की प्रस्तुति
श्री हनुमानजी की मूर्ति में चोला बन्दन, ध्वज पूजन, नवीन वेश धारण के उपरांत आम, नीम, पीपल, बोईर व चिड़चिड़ा की पंचलकड़ियों, घी, दूध, दही, गुड़, शक्कर, शहद, उडद दाल इत्यादि सामग्रियों से हवन में स्वाहा आहुति डाली गई | समस्त वैदिक क्रियाओँ के साथ आरती उतारी गई | तदुपरान्त लैपटॉप से श्री हनुमान चालीसा को कराओके संगीत में शिक्षक ईश्वरी कुमार सिन्हा के मुख्य गायन स्वर व पाँचवीं कक्षा के समस्त 39 विद्यार्थियों के कोरस स्वर के साथ उपस्थित जनसमुदाय ने उच्चारित किया | लड्डू, श्रीफल व लाइची दाने से युक्त प्रसाद का वितरण हुआ | आज के आयोजन की तैयारी में कक्षा पाँचवीं के समस्त विद्यार्थियों का परिश्रम सराहनीय रहा |