देवनारायण साहू,बालोद। 1 नवंबर से धान खरीदी प्रारम्भ होने से सरकार की घोषणा से किसान अब अपने मेहनत को सहेजने धान पकने के बाद खलिहनो में जुट जाएंगे। लिहाजा जिले मे बहुतायत में हजारों हैक्टेयर में धान की बोनी की गई है। पर इन दिनों खराब मौसम के चलते किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। इस वर्ष अच्छी बारिश हुई है। जिससे किसानों की चेहरे खिले हैं। वही जल्द पकने वाली धान हरहुना धान दशहरा के बाद धान कटाई में किसान जुट जाएंगे। विगत दो दिनों से हो रही अंधड़ एवं बारिश से भी धान की बालियाँ नीचे गिर रही है। जिससे धान को नुकसान की आशंका है। भोईनापार के किसान गंगा राम साहू ने बताया हरहुना किस्म की धान बुवाई किए है। अब पानी को निकालने में जुट गए है। जिससे धान की कटाई परेशानियों का सामना न करना पड़े। हरहुना किस्म की धान बुवाई करने से कम लागत दवाई छिड़काव करने में बचत होती है । गौधन को पैरा की जरूरत होती है इस कारण अधिकतर किसानों द्वारा हरहुना धान बुवाई की गई है ।
माहू के प्रकोप से भी परेशान हैं किसान
सूरज की लुका छुपी एवं खराब मौसम के चलते माहू प्रकोप भी बढ़ गया है। जिसकी रोकथाम के लिए आवश्यक देख रेख एवं दवाइयो का छिड़काव कर रहे है। खरपतवार को निकालने का काम लगभग किसानों ने पूर्ण कर लिया है। कुछ किसान निंदाई गुड़ाई मे जुटे हुए है। जिससे इस वर्ष अच्छी फ़सल की उम्मीद किसानो को है।
क्या कहते हैं मौसम विज्ञानी
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी- तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर स्थित है; तथा यह 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में 29 सितंबर को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने की भी संभावना है। इधर मानसून की विदाई का क्षेत्र आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई है । अगले 2 से 3 दिनों में राजस्थान तथा उससे लगे राज्यों के कुछ भाग से मानसून की विदाई हो सकती है।