शिक्षक और समाज सेवी मिलकर चला रहे सकोरा “सुकून की पहल” अभियान, घर-घर दे रहे दस्तक, बेजुबान पक्षियों के लिए रखवा रहे दाना पानी

जो कलश अनुपयोगी हो चुके उनका कर रहे इस्तेमाल, पर्यावरण बचाने का भी दे रहे संदेश

बालोद। बालोद जिला के अभिप्रेरणा ग्रुप के द्वारा लगातार तीसरे वर्ष सकोरा सुकून की पहल अभियान शुरू किया गया है। जिसके तहत जिला मुख्यालय बालोद सहित आसपास के क्षेत्र में घर-घर दस्तक देकर लोगों को बेजुबान पक्षियों के लिए दाना पानी रखने के लिए मिट्टी के पात्र वितरित किए जा रहे हैं। यह मिट्टी के पत्र वही है जो नवरात्रि के समय ज्योत कलश के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं। नवरात्र में विसर्जन के बाद अनुपयोगी होकर रखे रहने वाले इन कलश पात्रों को बेजुबान पक्षियों के लिए दाना पानी का पात्र बनाने का नवाचार भी इसी अभिप्रेरणा ग्रुप ने शुरू किया है।

इस ग्रुप में कई महिला शिक्षक सहित समाजसेवी भी शामिल है। जो लगातार बालोद शहर के विभिन्न वार्डों में घूम कर घर-घर पहुंचकर लोगों को मिट्टी के पात्र और चावल के दाने भेंट कर रहे हैं। इस मुहिम में समाजसेवी और नाड़ी वैद्य गुरुदेव वीरेंद्र देशमुख भी विगत दोनों शामिल हुए। उन्होंने अभिप्रेरणा ग्रुप के आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज सेवा कई जरिए से की जा सकती है ।बेजुबानों की सेवा भी पुण्य का कार्य है। जिसमें अभिप्रेरणा ग्रुप भी लोगों को प्रेरित कर रही है। इस मुहिम का हिस्सा बनकर उन्होंने भी खुशी जाहिर की। इधर अभिप्रेरणा ग्रुप की टीम घर-घर पहुंचकर लोगों को समझा रहे हैं कि वह अपने आंगन या छतों में पक्षियों के लिए दाना पानी जरूर रखें । इस तपती धूप में पक्षियों की भूख प्यास मिटाने में एक छोटा सा प्रयास एक बड़ी प्रेरणा साबित हो सकती है । एक दूसरे से प्रेरित होकर लोग अपने छत और आंगन में जल पात्र और उसी में चावल के दाने रखकर इस पुण्य अभियान से जुड़ते जा रहे हैं। इस अभियान में समाजसेवी, जनप्रतिनिधि सहित विभिन्न वर्ग के लोग भी अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं।

सुकून मिलता है इस अभियान से इसलिए नाम रखा गया सकोरा से सुकून

अभीप्रेरणा ग्रुप की महिलाओं ने बताया कि बेजुबान पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था कर उन्हें सुकून की अनुभूति होती है। इसके लिए सकोरा यानि मिट्टी के पात्र लोगों के घर-घर बांटे जा रहे हैं। जिसमें रोजाना लोग दाना पानी रख रहे हैं। इस पहल से स्वयं वे एक सुकून का अनुभव करते हैं। इसलिए इस पहल का नाम भी सकोरा से सुकून की पहल अभियान रखा गया है।

कलेक्टर ने भी की थी दाना पानी रखने की अपील

बता दे की नवपदस्थ कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने भी बालोद जिले की आम जनता से वीडियो जारी कर अपील की थी की तपती गर्मी में बेजुबानों की सेवा करने का पुण्य लाभ जरूर उठाएं और उनके लिए दाना पानी जरूर रखें। कलेक्टर के अपील के साथ लोग इस मुहिम से जुड़ते जा रहे हैं। तो वहीं अभिप्रेरणा ग्रुप लगातार 3 सालों से जारी अपने इस अभियान को अब वृहद रूप प्रदान करते जा रही है। हर वर्ग इस अभियान से जुड़ते जा रहा है। गांव से लेकर शहर तक भी इस अभियान का असर देखने को मिल रहा है। विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले शिक्षक जो बालोद जिला मुख्यालय और आसपास के स्कूल में पदस्थ हैं वह अपने गांव और आसपास इलाकों में भी इस अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं।

इनका है विशेष योगदान

व्याख्याता कादंबिनी यादव, गायत्री साहू, सहायक ग्रेड नीलम रावटे, पद्मिनी साहू, शिव श्रीवास्तव, कमला वर्मा,प्रीति टाटिया, भारती सहारे, गीतांजलि सिंग, लक्ष्मी कलिहारी,पूर्वी, नाड़ी वैद्य वीरेंद्र देशमुख, शरद ठाकुर, पार्षद विनोद बंटी शर्मा, अश्वन कुमार बारले, अंचल प्रकाश साहू, जितेंद्र सोनी, अजय यादव,संदीप दुबे आदि इस अभियान से जुड़कर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। वार्डों में सकोरा से सुकून अभियान से संबंधित प्रेरक पोस्टर लगाया जा रहा तो लोगों को घर-घर जाकर पंपलेट और दाना पानी रखने के लिए सकोरा दिया जा रहा है। मिट्टी का बना सकोरा लोगों को पर्यावरण बचाने का भी संदेश दे रहा है। किसी तरह से प्लास्टिक के पात्रों का इस्तेमाल इसमें नहीं किया जा रहा है जो पर्यावरण के लिए घातक हो।

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