इस गांव के ग्रामीणों में है मां सरस्वती के प्रति विशेष आस्था, 1992 से करते आ रहे हैं मूर्ति की स्थापना
बालोद। नवरात्र के पंचमी पर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापना की जाती है। अलग-अलग गांव में मां दुर्गा के साथ-साथ मां सरस्वती की प्रतिमा पूजी जाती है। बालोद जिले में ऐसा ही एक गांव है जहां के ग्रामीणों में मां सरस्वती के प्रति विशेष आस्था और आराधना देखने को मिलती है। यही कारण है कि 1992 से ग्रामीण इस गांव में अनवरत मां शारदा (सरस्वती) की मूर्ति स्थापना करते आ रहे हैं। बात कर रहे हैं नवीन सरस्वती समिति सरस्वती चौक नाहन्दा, तहसील डौडी लोहारा की। जहां माता शारदा की मूर्ति स्थापना का भव्य 33 वां वर्ष है। 1992 से इस धार्मिक कार्य की शुरुआत हुई है। जो अब तक निरंतर जारी है ।यह परम्परा टूटी नहीं है जब देश में कोरोना काल था उस समय भी गांव वालो ने कोरोना नियम का पालन करते हुए माता शारदा की मूर्ति स्थापना की और पूरी नियम व शर्तो को बखूबी पालन करते हुए सभी श्रद्धालुओ ने भक्तिमय होकर अपने गांव की परंपरा को निभाते आ रहे हैं। ग्राम के दीपेश साहू ने बताया इस परंपरा को आगे भी इस तरह जारी रखने का पूर्ण प्रयास गांव वालो और समिति के सदस्यो के द्वारा रहेगा। जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही परंपरा और संस्कृति को इस तरह आगे भी रखेंगे।