रायपुर।
शासन द्वारा समाज कल्याण विभाग के जरिए खास तौर से दिव्यांगों को टू व्हीलर स्कूटर और स्कूटी पेट्रोल चलित वितरित की जाएगी। इसका मेंटेनेंस भी लगभग 5 साल तक शासन के संबंधित एजेंसी के माध्यम से भी होगा। ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को इस योजना का लाभ दिलाने का प्रयास होगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक के द्वारा सभी ब्लॉक के जनपद अधिकारियों व नगर पंचायत, नगर पालिका के अधिकारियों के अलावा स्कूलों से संबंधित अफसरों जैसे आईटीआई के प्राचार्य, कॉलेज के प्राचार्य व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है कि इस योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार हो और जरूरतमंद को लाभ मिले। विभाग का मानना है कि इस योजना के अंतर्गत दिव्यांग लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि और आर्थिक समृद्धि में प्रगति आएगी और समावेशी समाज की परिकल्पना का सृजन होगा। यह योजना राज्य के दिव्यांगों के सशक्तिकरण समावेशी करण के साथ-साथ सामाजिक न्याय में मील का पत्थर साबित होगा। अलग-अलग वर्ग के दिव्यांगों के लिए इस योजना का लाभ लेने के लिए अलग-अलग शर्तें भी विभाग द्वारा जारी की गई है।
इस योजनान्तर्गत राज्य के दिव्यांगजनों को पेट्रोल व टू व्हीलर स्कूटर / स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) वितरित किया जायेगा। सर्वप्रथम पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ प्राप्त करने हेतु दिव्यांगजनों द्वारा उप संचालक समाज कल्याण विभाग को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा। विद्यालय / महाविद्यालय द्वारा निर्धारित प्रपत्र में अनुशंसा सहित सूची संबंधित उपसंचालक जिला कार्यालय समाज कल्याण को उपलब्ध कराया जायेगा।
इस योजनान्तर्गत प्रदाय किये गये पेट्रोल चलित टू कीलर स्कूटर/स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ का 15 वर्ष तक पुनः लाभ नहीं दिया जायेगा। जिले के ऐसे दिव्यांगजन जो चलन दिव्यांगता जैसे रीढ़ की हड्डी में चोट, पोलियो से ग्रसित (विशेष रूप से निचले अंग से प्रभावित व्यक्ति) है तथा उक्त के अतिरिक्त विधिक अभिभावक के संबंध में राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 में परिभाषित दिव्यांगजनों को प्राथमिकता एवं पात्रता की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे दिव्यांगजन जिनके पास पूर्व में परंपरागत ट्रायसायकल अथवा बैटरी चलित ट्रायसायकल हो एवं वे तत्काल इस योजना का लाभ लेने के पात्र नहीं है। उन्हें इस योजना के लाभ लेने हेतु कम से कम 03 वर्ष का समयान्तराल आवश्यक होगी।
अध्ययनरत छात्र-छात्राओं हेतु- विशेष प्राथमिकता यह तय किया गया
अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी मूल निवासी प्रमाण-पत्र की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न करनी होगी)।अभ्यर्थी की आयु 18 से 40 वर्ष से अधिक न हो। (आयु के संबंध में अभ्यर्थी कक्षा 10वी की अंक सूची अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र)अभ्यर्थी द्वारा वाहन चलाने हेतु परिवहन विभाग के अद्यतन दिशा-निर्देश अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस की स्वप्रमाणित प्रति प्रस्तुत करनी होगी। पेट्रोल चलित टू व्हीत हेतु माता-पिता अथवा अभिभावकों की मासिक आय राशि 20000रुपये तक का हो। इस हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र जारी करना होगा जो आवेदन की तिथि से 06 माह से अधिक पुराना न हो)। 60 प्रतिशत या उससे अधिक का प्रमाणित दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यू.डी.आई.डी. कार्य की छायाप्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य है। नियमित-छात्राओं को विद्यालय/महाविद्यालय / विश्वविद्यालय प्रमुख से प्रमाणित प्रति अनिवार्य होगी।
रोजगार/स्वरोजगार में संलग्न लोग इस तरह लेंगे लाभ
अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी मूल निवासी प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित प्रति सलग्न करनी होगी।)। अभ्यर्थी की आयु 18 से 40 वर्ष से अधिक न हो (आयु के संबंध में अभ्यर्थी कक्षा 10वीं की अंक सूची अथवा प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र) , अभ्यर्थी द्वारा वाहन चलाने हेतु परिवहन विभाग के अद्यतन दिशा-निर्देश अनुसार ड्रायविंग लायसेंस की स्वप्रमाणित प्रति प्रस्तुत करनी होगी।पेट्रोल चलित टू व्हीलर हेतु माता-पिता अथवा अभिभावकों की मासिक आय राशि 20000 रुपये तक का हो। इस हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र जारी करना होगा। जो आवेदन की तिथि से 06 माह से अधिक पुराना न हो) । 70 प्रतिशत या उससे अधिक का प्रमाणित दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यू.डी.आई.डी.कार्ड की छायाप्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
मॉनिटरिंग व रख-रखाव के लिए भी व्यवस्था
संबंधित जिला कार्यालय द्वारा वितरित की जाने वाली पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर / स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) का शत्-प्रतिशत निरीक्षण किया जाना अनिवार्य होगा। वारंटी अवधि अन्तर्गत वितरित पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर/स्कूटी (दो
अतिरिक्त पहियों के साथ) के रख-रखाव की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित हितग्राही का होगा एवं एजेंसी के सर्विस सेंटर से समन्वय स्थापित करते हुए सुनिश्चित करेंगे। हितग्राही को तकनीकी खराबी की शिकायत संबंधित एजेंसी के सर्विस सेंटर में करते हुए विभागीय जिला कार्यालय को सूचना देनी होगी, संबंधित एजेंसी द्वारा प्राप्त शिकायत का यथाशीघ्र निराकरण कराया जाना होगा तथा इसकी जानकारी से विभागीय जिला कार्यालय को अनिवार्यतः समय-समय पर अवगत कराया जाना होगा। पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर/स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) की सुरक्षा का दायित्व हितग्राही का होगा। पांच वर्षो की वारंटी अवधि उपरांत भी हितग्राही द्वारा पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर/ स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) का रखरखाव किया जावेगा। उक्त संबंध में वारंटी अवधि तक तथा इसके पश्चात् उसके रख-रखाव या अन्य व्यय के संबंध में विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की व्यय की पूर्ति नहीं की जावेगी। लाभार्थी द्वारा पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर / स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) का विक्रय, हस्तांतरण तथा अन्य किसी माध्यम में नहीं किया जावेगा औचक निरीक्षण अथवा अन्य किसी माध्यम से उक्त संबंध में जानकारी / शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित हितग्राहियों से नियमानुसार उक्त वाहन के लागत मूल्य की राशि की वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकेगी। समाज कल्याण विभाग द्वारा योजना की प्रगति की समय-समय पर जिला स्तर पर समीक्षा की जायेगी।