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एक्सक्लूसिव- बालोद के छात्र रितेश साहू ने 12वीं बोर्ड के टॉप 10 में बनाई जगह, एयरफोर्स में जाने का है सपना, पढ़िए परिश्रम और सफलता की कहानी

बालोद। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित कर दिया है। जिसके साथ ही मेरिट लिस्ट भी जारी की गई है। इस बार दसवीं मेरिट लिस्ट में बालोद से तो कोई नहीं आ पाया लेकिन बारहवीं बोर्ड में बालोद से लगे हुए ग्राम झलमला के छात्र रितेश साहू ने अपना दबदबा दिखा दिया और मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में स्थान बनाया। 95.60% अंक हासिल करने वाला रितेश साहू शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झलमला में मैथ्स, विज्ञान संकाय से पढ़ाई किया है और रितेश का सपना एयरफोर्स में जाने का है। अपने मेहनत से वह इतना आश्वस्त है कि उसे तो कामयाबी मिलेगी ही, शायद यही सोचकर वह रिजल्ट आने से पहले ही अपने अगले मुकाम की ओर बढ़ चुका है। कुछ दिन पहले से ही वह लखनऊ में एनडीए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी की कोचिंग करने जा चुका है। आज जब परीक्षा परिणाम जारी हुआ तो उसे उसकी खबर ही नहीं थी। उनका मोबाइल नंबर बंद था। क्योंकि वह कोचिंग क्लास में रहता है। दोपहर 2:30 बजे क्लास से बाहर आता है। तब वह किसी से बातचीत कर पाता है। इधर घर पर उन्हें बधाई देने लोगों का तांता लग गया है। उनके पिता प्यारेलाल गांव के ही स्कूल जहां रितेश ने पढ़ाई की वहीं विज्ञान सहायक हैं। पिता ने DailyBalodNews को बताया कि मेरा बेटा एयर फोर्स में जाना चाहता है इसलिए उसने मैथ्स लेकर ही पढ़ाई की और अब लखनऊ में एनडीए की कोचिंग भी कर रहा है। उसे हमने मैसेज किया है कि वह टॉप 10 में आया है। नंबर बंद है ।कोचिंग क्लास के बाद वह बात कर पाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद थी कि इस बार बेटा टॉप टेन में जरूर आएगा और उनकी उम्मीद पूरी हो गई। उन्होंने कहा कि दसवीं में टॉप टेन में आने से वह 7 से 8 नम्बर से चूक गया था ।इसबार और भी ज्यादा कड़ी मेहनत की और यह सफलता हासिल हो गई। स्कूल के अलावा रोज घर में 7 से 8 घंटे की पढ़ाई रितेश करता था। फिजूल के कामों में वक्त ना बिताने की आदत उसकी थी। पढ़ाई के साथ-साथ घर और खेती के काम में भी बेटा मदद करता है।

रितेश का सपना है एयर फोर्स

पिता ने बताया कि बेटे रितेश का सपना एयरफोर्स है। उनके परिजन व शिक्षक उन्हें यह समझाते थे कि और दूसरा कैरियर चुन लो लेकिन वह सब से यही कहता था कि मेरा लक्ष्य एयरफोर्स है,मुझे और कहीं नहीं जाना है। इसलिए वह 12वीं की परीक्षा दिलाने के बाद एनडीए की कोचिंग लेने लखनऊ चला गया। उसे इस बात का विश्वास था कि वो टॉप टेन में जगह बनाकर ही रहेगा। इस आत्मविश्वास के साथ वह रिजल्ट आने से पहले ही लखनऊ में एनडीए की कोचिंग ज्वाइन कर चुका है। घर पर माता-पिता और छोटा भाई रहते हैं। मां चन्द्रकला गृहणी है।

डीईओ ने कहा जिले के लिए गर्व की बात

बालोद जिले के डीईओ प्रवास बघेल ने कहा कि रितेश साहू का छत्तीसगढ़ में 12वीं बोर्ड में टॉप 10 में आना बालोद जिले के लिए गर्व की बात है। वही बालोद जिले के रिजल्ट की बात करें तो हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा परिणाम में 73.96% रहा तो हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा परिणाम 67.75% रहा।

देखिए जिले का रिजल्ट

रितेश के स्थान को लेकर हुआ अधिकारियों को भी भ्रम, क्योंकि लिस्ट ही ऐसा बना था, प्रतिशत के आधार पर टॉप टेन में चौथे क्रम पर आए

दो बार जारी सूचना जिसमें रितेश का स्थान बदला

पहले स्टेट टॉपर रितेश साहू को बताया गया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भी इसकी सूचना प्रसारित कर दी गई। छत्तीसगढ़ डीपीआर द्वारा भी फेसबुक सहित अन्य प्लेटफॉर्म पर रितेश का ही नाम पहले स्थान पर बताया गया। लेकिन अचानक कुछ घंटों के भीतर रायगढ़ की कुंती साव को 12वीं का स्टेट टॉपर बताया गया। स्वयं अधिकारियों को यह भ्रम इसलिए हुई क्योंकि जो मेरिट लिस्ट जारी की गई थी बारहवीं का। वह डिस्ट्रिक्ट वाइज जारी हुआ था। जिसमें अल्फाबेट के हिसाब से जिलों का नाम लिखा हुआ था। चूंकि बालोद में शुरुआत अक्षर बी(B) है इसलिए पहले स्थान पर जिलों में अल्फाबेट नाम के हिसाब से बालोद का ही नाम आ गया और जब स्वयं अधिकारियों ने मेरिट लिस्ट खोल कर बालोद और रितेश साहू पढा तो पहले तो उसी को टॉपर बता दिया गया। लेकिन बाद में पूरे लिस्ट की जांच की गई तो नीचे पेज में रायगढ़ पुसौर की छात्रा कुंती साव का प्रतिशत(98.20), रितेश साहू से ज्यादा था। फिर क्या था सूचना में संशोधित कर रितेश की जगह कुन्ती साव को 12वीं का स्टेट टॉपर घोषित किया गया। रितेश चौथे स्थान पर है। उनके पूर्व 96.40 अंक के साथ खुशबू वाधवानी दूसरे, 95.80 प्रतिशत के साथ रेणुका चंद्रा तीसरे स्थान पर है। 95.60 के साथ रितेश चौथे स्थान पर है।

रितेश ने कहा रिवाइज पर करता था फोकस, कोचिंग भी की, यूट्यूब पर खान सर के वीडियो देखता था

लखनऊ में एनडीए की कोचिंग कर रहे टॉप टेन में शामिल रितेश से जब हमने मोबाइल पर बात कर उनका इंटरव्यू लिया। तो उन्होंने बताया कि मैथ्स और केमिस्ट्री की उन्होंने स्थानीय गांव में ही कोचिंग की थी। तो वही यूट्यूब में वह खान सर के वीडियो देखकर भी पढ़ाई करता था। कोचिंग की जरूरत कोरोना काल में पड़ी जब स्कूल पढ़ाई ठप हो गई थी। रिवाईज पर ज्यादा फोकस करता था। स्कूल में जो भी पढ़ कर आता था उसे पूरी तरीके से रिवाइज करता था। यह उसकी दिनचर्या थी। त्रैमासिक, अर्धवार्षिक हर परीक्षा के दौरान उसका पूरा कोर्स रिवाइज हो जाता था। उसे अलग से और कुछ पढ़ने की जरूरत नही होती थी। अक्सर छात्र रिवाइज करने से दूर भागते हैं। बार-बार अभ्यास करने से कोई भी विषय सरल महसूस होने लगती है यही फंडा रितेश ने अपनाया था। रितेश ने कहा कि उसका सपना एनडीए की पढ़ाई करना है। इसके बाद वह नेवी या एयरफोर्स दोनों में से जो हो पाए, उसमें जाना चाहता है और इसी इरादे से वह लखनऊ में कोचिंग करने आ गया है।

क्या होता है एनडीए

अगर आपको इंडियन एयफोर्स, इंडियन आर्मी और नेवी में शामिल होना है तो आपको NDA यानी नेशनल डिफेंस अकेडमी की परीक्षा में शामिल होना होगा. जिसे पास करने के बाद ही आप तीनों सेनाओं में शामिल हो सकते हैं. बता दें, NDA भारत के उच्च पदों में से एक है. आइए जानते हैं कैसे होती है ये परीक्षा, क्या है पैटर्न और कैसे होगा चयन.

कई बार आप इंडियन एयफोर्स, इंडियन आर्मी और नेवी में शामिल होने के बारे में सोचते हैं. लेकिन ज्यादातर लोगों को नहीं पता होता है कि इसमें शामिल कैस हो सकते हैं. तो इन तीन सेनाओं में शामिल होने के लिए NDA परीक्षा से गुजरना होता है.

NDA यानी नेशनल डिफेंस अकेडमी. यहां पर भारत की प्रमुख सेना ( थल सेना, नौसेना और वायुसेना ) में जाने से पहले परीक्षा ली जाती है. जिसे आपको पास करना होगा. जिसे NDA कहा जाता है. आपको बता दें, अगर आपको इन सेवाओं में जाना है तो इसके लिए साल में दो बार NDA की परीक्षा आयोजित की जाती है. जिसका आयोजन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की ओर से किया जाता है.इंडियन एयरफोर्स और नेवी में शामिल होने के लिए कक्षा 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स विषय पढ़ा होना जरूरी है।

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