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गांव में शीतला मंदिरों से हो रही मां की आराधना, मूर्ति स्थापना के बजाय मंदिरों में चल रही नवरात्रि, सिर्राभांठा के ग्रामीणों ने पेश की अनूठी मिसाल

बालोद। इस बार कोरोना काल में नवरात्रि भी प्रभावित है। प्रतिमा स्थापना कम हुई है। शासन प्रशासन का नियम समिति द्वारा पालन ना कर पाने की स्थिति में भी इस बार कई जगह दुर्गा प्रतिमा स्थापना नहीं की गई है। ऐसे में खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में नवरात्रि पर्व मां शीतला धाम में चल रही है।

शीतला मंदिर गांव का प्रमुख केंद्र बिंदु धार्मिक स्थल माना जाता है। जहां पर नवरात्रि में जोत जवारा का कार्यक्रम रखा गया है। ऐसा ही एक ग्राम है सिर्राभांठा। जहां ग्रामीणों की एकजुटता के प्रेरक के रूप में शीतला मंदिर भवन का निर्माण किया गया है। जहां पर पूरा गांव एकजुटता के साथ पूजा पाठ में लगा हुआ है।

गांव के समाजसेवी राजेश सिन्हा ने बताया कि इस मंदिर स्थल को सजाने संवारने में गांव के कई लोगों की भूमिका है। दानदाताओं की मदद से मंदिर का नव निर्माण किया गया है। तो वहीं आसपास साज सजावट भी की गई है। रोड तक का भी निर्माण ग्रामीणों ने आपसी सहयोग व चंदे से किया है।

ग्रामीणों ने बताया कि शासन प्रशासन ने कोरोना काल को देखते हुए दुर्गा प्रतिमा स्थापना को लेकर कई तरह के नियम जारी किए थे। जिससे समिति को ही मुश्किल हो रहा था इसलिए आस्था को बनाए रखने और नवरात्रि की परंपरा ना टूटे, इस वजह से शीतला मंदिर में ही पूरे ग्रामीण आराधना कर रहे हैं।

गांव में बनाए गए जय हनुमान मित्र मंडल के साथियों द्वारा भी इस नवरात्र उत्सव में देखरेख व ग्रामीणों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। पहले भी शीतला मंदिर में ज्योत जवारा उत्सव होता आया है। इस बार प्रतिमा स्थापना नहीं हुई तो भी लोगों की आस्था कम नहीं हुई है और कोरोना काल को ध्यान रखते हुए पूरी सावधानी बरतते हुए ग्रामीण यहां पूजा पाठ करने पहुंच रहे हैं। पूजारी सहित अन्य लोग भी मास्क पहनकर व अन्य सावधानी का ध्यान रखते हुए पूजा कर रहे हैं। शासन की गाइडलाइन का सही उपयोग करते हुए ज्योति कलश की स्थापना एवं जवारा का अनुष्ठान चल रहा है। इसी तरह अन्य गांव में भी शीतला धाम से आराधना हो रही है

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